बैकलॉग रिक्त पदों की शीघ्र भर्ती नहीं हुई तो करेंगे उग्र आंदोलन
आदिवासी छात्र संगठन एवं जयस ने सौंपा ज्ञापन
बैतूल की आवाज
बैतूल अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के बैकलॉग रिक्त पदों की भर्ती शीघ्र करने एवं विद्यार्थियों की विभिन्न समस्याओं का निराकरण कर शिक्षा में सुधार व्यवस्था लाने की मांग को लेकर मंगलवार आदिवासी छात्र संगठन के युवाओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर महामहिम राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। सौंपे ज्ञापन में जयस जिलाध्यक्ष संदीप धुर्वे ने कहा कि 20 दिन के भीतर अगर बैकलॉग रिक्त पदों की भर्ती की ओर कार्यवाही नहीं हुई तो आदिवासी छात्र संगठन उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा।
ज्ञापन में छात्र संगठन ने उल्लेख किया कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के बैकलाग (रिक्त) पदों की भर्ती वर्ष 2003 से आज दिनांक तक नहीं की गई है और मध्यप्रदेश में शिक्षा का स्तर भी लगातार गिरते जा रहा है। हाल ही जारी नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा की गुणवत्ता में मध्यप्रदेश 15 वें नम्बर पर पिछड़ा हुआ है। इस हेतु आदिवासी छात्र संगठन (एसीएस) मध्यप्रदेश एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति युवा संघ मध्यप्रदेश के संयुक्त तत्वाधान में 26 सितम्बर से 5 अक्टूबर तक पूरे मध्यप्रदेश में बैकलाग भर्ती एवं शिक्षा सुधार यात्रा निकाली गई। यात्रा के दौरान प्रत्येक जिले में विद्यार्थियों की कई समस्याए सामने आयी जिसमें प्रमुख समस्याए बैकलाग पदों की भर्ती वर्ष 2003 के बाद आज दिनांक तक नहीं की गई। मध्यप्रदेश में एससी, एसटी वर्ग के 1 लाख 8 हजार बैकलाग के पद रिक्त है। इन रिक्त पदों की भर्ती पिछली सरकार ने अपने 15 वर्ष कार्यकाल के दारान नहीं की । वर्तमान सरकार ने विधानसभा चुनाव 2018 में अपने वचनपत्र की कंडिका क्रमांक 147.38 में यह वचन दिया था कि वर्ष 2003 को आधार मानते हुए बकलाग के सभी पद भरग और इस हेतु एससी, एसटी वर्ग के युवाओं को निर्धारित योग्यता व आयु सीमा में छूट भी देंगे। सरकार को बने लगभग 9 माह हो गए लेकिन अभी तक सरकार द्वारा बैकलाग पदा की भर्ती को लेकर कोई उचित कदम नहीं उठाया गया और न ही बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है।
जीर्ण-शीर्ण अवस्था में छात्रावास
आदिवासी छात्रावास संगठन ने मांग की है कि कई सालों से पुराने छात्रावास भवन जीर्णक्षीर्ण अवस्था में है उसका तत्काल जीर्णोद्धार किया जावे एवं प्रदेश के कई जिलो में छात्रावास का संचालन किराये के भवन में किया जा रहा है वहां पर तत्काल भवन बनाया जाये। इसके साथ ही छात्रों ने कहा कि आजादी के समय से संचालित छात्रावासों में सीटो की संख्या उतनी ही है, जबकि आज के समय में जनसंख्या कई गुना बढ़ गई है। जनसंख्या के अनुपात में आश्रमों प्रीमैट्रिक व महाविद्यालयीन छात्रावासों की निर्धारित सीट संख्या में वृद्धि की जाये। जनसंख्या को दृष्टिगत रखते हुए प्रत्येक जिला स्तर पर एससी-एसटी वर्ग के बालक/बालिका के लिए क्रमश: एक-एक हजार शीटर एवं संभाग स्तर पर 2500-2500 शीटर का नवीन छात्रावास खोला जाए। एससी एसटी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए परीक्षाओं की तैयारी हेतु प्रत्येक जिला स्तर पर बालक बालिकाओं के लिए क्रमश: 200-200 शीट संख्या का परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र खोला जाये एवं इन वर्ग के बेरोजगार युवाओं को प्रतियोगिता परीक्षा शुल्क से मुक्त रखा जाये। प्रत्येक विद्यालय, महाविद्यालय छात्रावास एवं आश्रम के भवन को वाईफाई से कनेक्ट कर कम्प्यूटर, लेब एवं ई लाइब्रेरी की व्यवस्था की जाये आदि मांगे शामिल है। ज्ञापन में छात्रों ने कहा 20 दिवस के भीतर समस्याओं का समाधान नहीं होता है तो आदिवासी छात्र संगठन एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति युवा संघ मध्यप्रदेश द्वारा 21वे दिन पूरे प्रदेश में चरणबद्ध रूप से बैकलाग भता एवं शिक्षा सुधार आंदोलन किया जायेगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।