. जनसंपर्क संचनालय में बिल पास होने की प्रक्रिया शुरू तो हो गई है फिर भी अभी कुछ नहीं कह सकते हैं*
समाचार संगठन की ओर |से जारी
सम्मानीय हमारे पत्रकार भाइयों का विज्ञापन का पैसा पिछले साल 2018 से 2019 अगस्त का पेमेंट नहीं होने के वजह से पत्रकार बंधु लो आज सरकार से बहुत ही ज्यादा नर्वस एवं नाराज हो रहे हैं सम्मानीय पत्रकार बंधुओं का अविलंब पेमेंट कर देगी मांग सरकार शासन प्रशासन से की जा रही है बड़े ही विनम्रता पूर्वक*
15 *तारीख को जनसंपर्क मंत्री से मिलने पर उन्होंने कहा था कि देख लेंगे जो भी व्यवस्था हो करवाएंगे जिससे एमपी प्रेस क्लब के लोग नाखुश होकर 16 तारीख को वार्निंग दे डाली भोपाल में 22 तारीख को एमपी प्रेस क्लब के अलावा भी अलग-अलग जिलों से जिन जिन के भुगतान नहीं हो पाए हैं जनसंपर्क विभाग के विज्ञापन के संबंध में यदि वह किसी भी रूप में आरओ व अपने आपको उपस्थित रखकर हमारे अपने व्हाट्सएप पर भेज देवें वाह एक ग्रुप अपने-अपने जिलों का बना ले एमपी प्रेस क्लब के नाम से जिसमें आरो डाल दे और हम उसे देख कर भोपाल में बिल पास करने की प्रोसेसिंग में ले लेंगे 17 अक्टूबर 2019 को माननीय कमलनाथ जी मुख्यमंत्री पी सी शर्मा जी जनसंपर्क मंत्री एवं जनसंपर्क संचनालय में एक लेटर एमपी प्रेस क्लब के अध्यक्ष ने जनसंपर्क आयुक्त महोदय जी के नाम देकर आने के बाद से 18 अक्टूबर 2019 बिलों की फाइलों पर साइन होना चालू हो गया है*
*अभी तो 22 अक्टूबर दूर है लगभग 3 दिन बाकी है रिजल्ट का रुझान एकदम स्पष्ट नहीं है फिर भी यह कहना एकदम ठीक नहीं रहेगा कि भुगतान पूरी तरह से हो जाएगा 15 अक्टूबर से मुलाकात होने के बाद से सिलसिला जारी हो चुका है बिल पास होने का अभी तो यह अंगड़ाई है आगे और देखो कौन सी लड़ाई करना ना करना पड़े लगभग दस हजार बिल से ऊपर के बिल बताए जा रहे हैं जिसमें से लगभग अभी तक पांच सौ फाइलों में साइन होने की सूत्रों के माध्यम से जानकारी मिली है*
*मगर एकदम से हम कह दे कि बिल सबका पास हो रहा है यह कहना भी एकदम ठीक नहीं होगा मगर हम सभी मीडिया हाउसेस एवं डेली वीकली पाक्षिक या मासिक पत्र-पत्रिका त्रिमासी या वार्षिक क्यों ना हो अगस्त 2018 से लेकर 22 अक्टूबर 2019 तक भी होंगे लोगों के उसे भी दिवाली के पर्व को देखते हुए सभी विज्ञापन प्रदाय करने वाले हो या अन्य किसी का भी हो पेमेंट तो दिवाली से पहले बल्कि एक हफ्ता पहले मिल जाता है तो बहुत ही अच्छी बात है तत्काल वाला कोई भी पेमेंट नहीं है और अचानक किसी का रुकता है वह बात अलग है बड़े पेमेंट किसी के भी हो उन्हें तो चारों तरफ से सहयोग मिल ही जाता है मगर जो छोटे लोग हैं बढ़िया जगह तुमको छोटा मानता है तो उनको पहली प्राथमिकता होनी चाहिए जो सरकार के नियम में है विज्ञापन उसी को दिया जाता है जो प्रचार प्रसार कर अपना जीवन यापन चल रहा है या चला रहा हो समाज से जुड़ा हुआ हो*
*कुछ लोग ने तो उद्योग बना कर रखा है*
*उनके साथ कुछ अलग कंडीशन होगी वित्त विभाग की तरफ से तो वह एक अलग बात होगी मगर वित्त विभाग ने और सरकार ने तो छोटे वाह वीकली पाक्षिक मासिक को पहली प्राथमिकता दी है इसलिए हमें जल्द से जल्द बिल का भुगतान हो जाना चाहिए बल्कि 19 अक्टूबर तक हो जाए तो बहुत ज्यादा अच्छा है या 20 अक्टूबर और को भी हो जाता है तो हम बहुत पसंद है नहीं तो 21 अक्टूबर को तो हमारा बिल पास करा कर ही रहेंगे ऐसा हमारा प्लान है नहीं तो 22 तारीख को फिर कुछ नया प्लान हमें भोपाल मैं बड़ी संख्या में नहीं क्योंकि मीडिया जगत के लोग छोटी संख्या में बड़ा काम करने वाले लोग हैं संख्या का कोई रोल नहीं है हमारे पास क्योंकि एक मिडिया वाला भी अपने आप में बहुत हैसियत रखने वाले मिडिया है हमारे पास इसलिए कॉन्टिटी की फिक्र और चिंता ना करें इतिहास में पहली बार ही होगा यह सब चीज आप बहुत अच्छे से देखेंगे हमारे पास जो भी व्यक्ति आएगा एक एक व्यक्ति एक करोड़ पर भारी होगा यह नजारा देखने के लिए नहीं चमत्कारी कार्य आप खुद देखने जा रहे हैं एमपी प्रेस क्लब कहते हैं और पूरे मध्यप्रदेश में सरकार का प्रचार प्रसार और ग्रामीण तक खबरों के माध्यम से पहुंचाते हैं चाहे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से चाहे सोशल मीडिया के माध्यम से चाहे वीकली पेपरों के माध्यम से चाहे मासिक या पाक्षिक पत्र पत्रिकाओं के माध्यम से खबर पहुंचाने का कार्य करते हैं हमारे अंचल ग्रामीण क्षेत्रों की सारी समस्याओं का समाधान करने के लिए सरकार तक पहुंचाने का भी एक बड़ा बीड़ा उठाते हैं जिनका पेमेंट कई बार सरकार की मुसीबत में हमारे पत्रकार भाई खामोश भी बैठे 2018 से 2019 होने के बाद में 14 महीने में भी कभी सड़क पर नहीं उतरे हैं ऐसे महान संयम रखने वाले शायद किसी विभाग का पेमेंट या हमारे संबंधित जनसंपर्क विभाग का पेमेंट 1 महीने नहीं मिलता तो आप को पता लग जाता होगा इतनी उठापटक चालू हो जाती है मगर नहीं हमारे सम्मानीय पत्रकार लोग ऐसे नहीं 18 अक्टूबर की मीट का भुगतान भले 5 साल तो क्या 10 साल बाद में भी को कंप्यूटर का चाहे जितना भी किया है गाड़ी घोड़े खाने-पीने रूप में बैठने का चल जाएगा क्योंकि वह उद्योग पतियों की मीट मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश निवेश सम्मेलन 2019 इंदौर भारत 18 अक्टूबर आयोजक नेशनल पार्टनर नॉलेज पार्टनर मुख्य बिंदुओं पर चर्चा के लिए श्री कमलनाथ सरकार ने इंदौर में यह मीटर की गई है निवेश के लिए विश्वास जरूरी है*