मध्यप्रदेश: सहायक आबकारी आयुक्त के ठिकानों पर छापे में मिली 25 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति

मध्यप्रदेश: सहायक आबकारी आयुक्त के ठिकानों पर छापे में मिली 25 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति


खास बातें
भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, छतरपुर और रायसेन में एक साथ की गई कार्रवाई
मंगलवार तड़के लोकायुक्त की सात टीमों ने अलग-अलग ठिकानों पर मारा छापा
साल 1998 में जिला आबकारी अधिकारी के पद से भर्ती हुए थे आलोक कुमार खरे
खरे को अब तक होनी चाहिए थी करीब 90 लाख रुपए की आय
लोकायुक्त पुलिस की इंदौर के सहायक आबकारी आयुक्त आलोक कुमार खरे के ठिकानों पर मंगलवार तड़के शुरू हुई छापेमारी में 25 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का खुलासा हुआ है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, छतरपुर और रायसेन स्थित ठिकानों पर लोकायुक्त की सात अलग-अलग टीमों ने एक साथ यह दबिश दी थी।


बता दें कि लोकायुक्त पुलिस ने देर रात तक खरे की करीब 7 करोड़ की संपत्ति का पता चलने का दावा किया था। हालांकि इसकी वास्तविक कीमत करीब 25 करोड़ रुपए से ज्यादा आंकी गई है। सहायक आबकारी आयुक्त आलोक कुमार खरे साल 1998 में जिला आबकारी अधिकारी के पद से भर्ती हुए थे, ऐसे में उन्हें अब तक करीब 90 लाख रुपए की आय होनी चाहिए थी।


लोकायुक्त पुलिस के अनुसार, करीब सात महीन पहले उसे खरे के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत मिली थी। मंगलवार की सुबह करीब साढ़े पांच बजे एक टीम राजधानी भोपाल के पास चौपड़ा कलां स्थित उनके फार्म हाउस पर पहुंची। दूसरी टीम ने भोपाल के जाटखेड़ी स्थित गोल्डन सिटी स्थित बंगले पर, दो टीमों ने इंदौर, एक टीम ने छतरपुर और एक टीम ने ग्वालियर में दबिश दी।


दस मिनट बाद खुला दरवाजा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चौपड़ा कलां स्थित फॉर्म हाउस का दरवाजा दस्तक दिए जाने के दस मिनट बाद खुला। टीम ने तीन भागों में बंटकर तलाशी शुरू की। देर रात तक कार्रवाई के दौरान भोपाल में तीन मकान, रायसेन में 70 एकड़ भूमि, 21 लाख रुपए नकद, भोपाल के एक मॉल में एक दुकान, करीब एक किलोग्राम सोने के जेवर और अन्य संपत्ति से जुड़े कागजात भी मिले।


तो क्या खरे को पहले से थी छापे मारे जाने की भनक
रिपोर्ट्स के अनुसार, लोकायुक्त के छापे की भनक खरे को संभवत: पहले से थी। प्रशासनिक गलियारों में यह सवाल तैर रहा है। कारण कि सोमवार रात पुलिस और प्रशासन ने एक पब और बार में जांच की थी। इस दौरान पुलिस, प्रशासन और आबकारी की संयुक्त टीम बनी थी। तीनों विभागों का एक सोशल मीडिया पर ग्रुप है।


रिपोर्ट्स के मुताबिक इसी ग्रुप में रात करीब 11 बजे खरे ने एक मैसेज पोस्ट किया था कि टीम विल भी देयर आन टाइम...। इस संदेश के महज सात घंटे बाद ही लोकायुक्त पुलिस की टीम उनके ठिकानों पर पहुंच गई