मैं भी महिला किसान हूं मुझे भी महिला किसान का दर्जा दिया जाए
बैतूल की आवाज
बैतूल- नेशनल महिला किसान दिवस पर प्रदीपन परिवर्तन अभियान ने महिला किसान सदस्यों के साथ मैं भी महिला किसान हूं मुझे किसान का दर्जा दिया जाय इस मूददे को लेकर ब्लाक संयंत्र पर महिला किसान सम्मेलन का आयोजन किया।सम्मेलन में भीमपुर और चिचोली ब्लाक से दो सैकड़ा महिला किसानों ने भाग लिया महिला किसान समूह गदाखार चकढ़ाना हिंडोली मोहदा पलासपानी महूढांना अध्यक्षो शिवकली बाई कोदी बाई किरण सूलन्ता उईके तथा जनपद सदस्य आर्दश पिपरिया सुनीता उईके ने दीप प्रज्वलित कर महिला किसान दिवस का उद्धधाटन किया जनपद सदस्य श्रीमति सुनीता उईके ने अपने उद्बोधन में कहां कि हमारा देश कृषि प्रधान है देश में जो कृषि की जा रही उसमें महिलाओं 80 प्रतिशत कृषि कार्य करती है लेकिन महिलाओं को सरकार या समाज महिलाओं को किसान मान्यता नहीं देती देश के सभी संसाधनों में पुरूषों का नाम है इसलिए शासकीय योजनाओं का लाभ भी पुरुषों के नाम से दी जाती है महिलाओं के श्रम का कृषि क्षेत्र में कोई मूल्य नहीं है भोपाल से शामिल श्रीमति अनामिका राय ने कहां की महिलाओं को किसान की पहचान तभी मिल सकेगी जब उनके नाम भी जमीन हो आवास हो वह संसाधन तभी महिलाओं की किसान के रूप पहचान बनेगी महिलाओं के नाम जमीन आवास हो इसके लिए संगठित रूप से मां करना होगा शिवकली बाई धुर्वे ने कहां कि महिला में पंचायतों सेगांव की शासकीय जमीन तालाब लीज पर लेकर क्लेक्टीव कृषि कर सकते हैं साथ में मछली पालन का कार्यकर सकती है हाल्टीकल्चर विभाग चिचोली और भीमपूर के अधिकारी वाग्रदे जी और सरनकरजी ने स्वार्थी कृषि और फलोधान कृषि की जानकारी तथा शासनसे मिलने वाला अनुदान विशेषकर तोतापुरी आमकी खेती करने के लिए बताया कि किसान महिलाओ ने पारम्परिक और जैविक खेती के अनुभव और फायदों के बारे में बताया ब्लाक संयंत्र पर बना महिला किसान संगठन के कोर ग्रूप नेयह तय किया की महिलाओं के जमीन आवास और अन्य समर्पित में महिला ओ के नाम महिला नीति और कृषि नीति में में जोड़ने हेतु महिला किसान फेडरेशन शासन के साथ कार्य करेगा माह नवम्बर में बैठकर योजना बनायेगा ।सम्मेलन में श्रीमति रेखा गुजरे ने भी इस मूददे पर जोर दिया कि महिलाओं के नाम संसाधन हो तभी महिलाओ की पहचान बनेगी और सरकार की योजनाओं का लाभ महिलाये ले पायेगी। सम्लेन के पश्चातमहिला किसानों ने किसान का दर्जा हेतू प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन भेजा जिसमें विशेष रूप से संसाधनों में महिलाओं के नाम जोड़ने हेतू नीतियों में लाने और सही रूप से अमल में लाने की माग की है