वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण दिवस-
जिला स्तरीय कार्यशाला, रैली एवं हस्ताक्षर अभियान आयोजित
बैतूल, 21 अक्टूबर 2019
स्वास्थ्य विभाग द्वारा वैश्विक आयोडीन अल्पता विकास नियंत्रण दिवस के अवसर पर 21 अक्टूबर को सीएमएचओ कार्यालय के सभाकक्ष में जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त पंचायत विभाग, शिक्षा विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के कर्मचारी एवं एनएसएस के छात्र छात्रायें उपस्थित रहे।
कार्यशाला में नोडल अधिकारी राष्ट्रीय आयोडीन अल्पता निवारण कार्यक्रम डॉ. आनंद मालवीय ने बताया कि आयोडीन एक सूक्ष्म पोषक तत्व है। थायरॉक्सिन हार्मोन का एक आवश्यक घटक है जो शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिये मस्तिष्क के कार्य, वृद्धि व प्रजनन हेतु आवश्यक है। मिट्टी में आयोडीन की कमी, स्थानीय उगाये जाने वाले भोज्य पदार्थो में आयोडीन की कमी एवं पानी के स़्त्रोतों में आयोडीन की कमी इसके कारण हैं। सबसे ज्यादा खतरा बच्चों, प्रजनन उम्र की महिलाओं, बढ़ते भ्रूण एवं उन स्थानों में रहने वाली जनसंख्या को है, जहां मिट्टी में आयोडीन की कमी है। आयोडीन की कमी के लक्षणों में घेंघा रोग, मानसिक विकास में कमी , निगलने या संास लेने में कठिनाई, जल्दी थकान होना, ठंड अधिक लगना, बच्चे में सुनने और बोलने की शक्ति में कमी एवं पढाई में पिछडापन है। आयोडीन की कमी का एक ही विकल्प है, आयोडीन युक्त नमक का सेवन। आयोडीन की कमी में उपचार से बचाव ही बेहतर विकल्प है।
जिला विस्तार एवं माध्यम अधिकारी श्रीमती श्रुति गौर तोमर ने बताया कि मस्तिष्क के विकास में आयोडीन का बहुत महत्व है। अपर्याप्त आयोडीन प्राप्त बच्चों की बुद्धि लब्धि (आई.क्यू.) 13 अंक कम होती है, शैक्षणिक प्रदर्शन कमजोर होता है, समान कक्षा दोहराना या बार बार अनुत्तीर्ण होने की समस्या, कक्षा में अनुपस्थिति या स्कूल छोडऩा आदि लक्षण परिलक्षित होते हैं। आयोडीन की कमी के प्रभाव के रूप में सामाजिक व आर्थिक विकास में पिछडापन दृष्टव्य होता है। आयोडीन की दैनिक आवश्यकता माईक्रोग्राम में 0 से 11 माह 50 माइक्रोग्राम, 12 से 59 माह 90 माइक्रोग्राम, 6 से 12 वर्ष 120 माइक्रोग्राम, 12 वर्ष से अधिक 150 माइक्रोग्राम एवं गर्भवती व धात्री महिलाओं में 200 माइक्रोग्राम होती है। उन्होंने बताया कि मध्यान्ह भोजन, आंगनबाड़ी एवं छात्रावासों में प्रदाय भोजन एवं घरों में भोजन बनाते समय नमक के उचित प्रकार का संधारण किया जाता है। इस दौरान उन्होंने बताया कि ग्राम में प्रत्येक घर में किस प्रकार आईपीसी (अंर्तवैयक्तिक संवाद) द्वारा महिलाओं को एवं भोजन निर्माण करने वालों को नमक के उचित रख रखाव की जानकारी प्रदाय कर नमक में आयोडीन की मात्रा का उचित लाभ लिया जा सकता है।
डीसीएम श्री कमलेश मसीह द्वारा नमक के नमूनों की जांच की गई एवं आशा कार्यकर्ताओं को नमक के नमूनों की जांच ग्राम स्तर तक किये जाने संबंधी तरीकों की जानकारी प्रदाय की गई।
हस्ताक्षर अभियान के अंतर्गत उपस्थित समस्त अधिकारियों / कर्मचारियों द्वारा आयोडीन युक्त नमक का ही सेवन किये जाने संबंधी हस्ताक्षर किये जाकर संदेश लिखे गये एवं शपथ ग्रहण की गई। कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी परिसर से रैली का भी आयोजन किया गया। आशा प्रशिक्षण केन्द्र चक्कर रोड बैतूल में भी इस अवसर पर प्रशिक्षणरत आशा कार्यकर्ता हेतु जागरूकता कार्यशाला एवं रैली का आयोजन किया गया।
वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण दिवस-