कितने भी बड़े पद पर चले जाओ अपनी भाषा नहीं भूलनी चाहिए: धरमूसिंग
कार्तिक पूर्णिमा पर आयोजित हुआ कार्यक्रम
बैतूूू ल की आवाज
आठनेर। युवा आदिवासी विकास संगठन आठनेर और कोयतुर गोंडवाना महासभा आठनेर के संयुक्त तत्वाधान में आष्टी माडु नदी पर कार्तिक पूर्णिमा पर्व मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत भुमका द्वारा बीच नदी में खड़े होकर और दूसरा भुमका द्वारा पड़ापेन के सामने खड़े होकर पड़ापेन की सुमरनी की गई। सुमरनी के उपरांत दूर-दूर से आये सामाजिक चिंतकों द्वारा उदबोधन दिए गए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक धरमूसिंग सिरसाम ने अपने गोंडी वक्तव्य में कहा कि अपनी बोली हमारी जननी है, कितने भी बड़े पद पर चले जाओ अपनी भाषा नहीं भूलनी चाहिए। उन्होंने समाज को नई ऊंचाइयों पर जाने के लिए अभिप्रेरित किया। उन्होंने कहा कि समाज का युवा मध्यम वर्ग कही न कही समाज की जिम्मेदारी को समझ रहा है और निरंतर क्षेत्र में सामाजिक कार्यक्रम कर अपने समाज मे जागरूकता की अलख जगाने का काम कर रहा है। ऐसी माताओं को हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूं जिन्होंने समाज के चिंतनीय पुत्रों को जन्म दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि आदिवासी कल्याण मंत्री ओमकार सिंग मरकाम द्वारा देवखलियानों के लिए राशि आवंटित की है, सभी अपने-अपने देवखलियानों की सूची मुझे दे मैं आगे होकर ये काम करना चाहता हूं। क्षेत्र के गोंड टाइगर के नाम से प्रचलित जनपद अध्यक्ष रामचरण इरपाचे ने कहा कि हम समाज को सबसे पहले शिक्षा से जोडऩा चाहते है। उन्होंने कहा अपनी बोली भाषा सभ्यता का अध्ययन, रहन सहन, बेटियों को समझाइश दी जाए कि गैर आदिवासी से प्रेम विवाह न करे, इससे आदिवासी समाज की लज्जा भंग होती है। गैर आदिवासी हमारी जमीन खरीद कर उस दुखियारी को घर से भेघर कर देता है, जिससे समाज की इज्जत और आबरू मट्टी पलित हो जाती है। युवा आदिवासी विकास संगठन संस्थापक प्रदीप उइके ने कहा कि हमने जब से अपने संगठन की नीव रखी तब से निरंतर दसो ब्लॉकों में संगठन बनाकर युवाओं को जोडऩे का काम किया है। हमारा उद्देश्य युवा और युवतियां हमसे जुड़कर समाज के लिए शासन से मिलने वाली प्रत्येक योजनाओं को गांव-गांव में प्रचारित कर सके,जिससे उन्हें योजनाओं का लाभ मिल सके और जिले के आदिवासी भाई बहन अपनी आवाज जिले में बुलंद कर सके। ब्लॉक अध्यक्ष युवा आदिवासी विकास संगठन जयचन्द सरियाम ने कहा कि आदिवासी की रोजमर्रा की जिंदगी बद से बदतर है, लेकिन कोई भी आदिवासी समाज पर ध्यान नहीं देता है, कई ग्रामों में आज भी सड़को का निर्माण नहीं हुआ है और कागजोंं पर बना हुआ अंकित है, आदिवासी समाज भोला-भाला होने के कारण उसका कोई भी गलत फायदा उठा लेता है, चाहे राजनीति हो या प्रशासन, कही भी आदिवासी का कार्य सरलता पूर्वक नही होता है, उनके सीधे पन को देख कर उन्हें डराया धमकाया जाता है, हमें सामाजिक स्तर पर एकजुट होने की आवश्यकता है। कोयतुर गोंडवाना महासभा ब्लॉक अध्यक्ष सुभाष उइके ने कहा कि आज आदिवासी समाज के साथ राजनीतिक ध्रुवीकरण चरम पर है, हम अपना समझकर वोट देते है, परंतु बांध हमारी जमीनों पर बनाया जाता है, ट्रंचिंग हमारे गावों में बनाया जाता है। जिससे हम बदबू के कारण बीमार और लाचार हो जाये, कौन हमारी सुध लेता है, कोई है हमारा माई बाप जो हम पर ध्यान दे।
आदिवासी नृत्य की शानदार प्रस्तुति
क्षेत्र के नृत्य दल जय सेवा डांस ग्रुप आष्टी ने नृत्य से कार्यक्रम में समा बांधा। साथ ही गोंडवाना डांस ग्रुप पानबेहरा, रानी कमलापति डांस ग्रुप शिर्डी, कोयवंशी डांस ग्रुप मेंढाछिंदवाड़,बिरसा मुंडा डांस ग्रुप चकोरा,जंगो लिंगो डांस ग्रुप सिहार, सरदार विष्णु सिंग गोंड डांस ग्रुप बोथी ने मनमोहक प्रस्तुतियां देकर लोगों का मन मोह लिया।
कितने भी बड़े पद पर चले जाओ अपनी भाषा नहीं भूलनी चाहिए: धरमूसिंग