समान पेंशन नीति लागू कराने एनएमओपीएस धारी कर्मचारियों ने लिया संकल्प 

देश मे समान पेंशन नीति लागू होने तक जारी रखेंगे जंग
समान पेंशन नीति लागू कराने एनएमओपीएस धारी कर्मचारियों ने लिया संकल्प
बैतूल की आवाज
बैतूल। देश मे सभी कर्मचारियों के लिए समान पेंशन नीति लागू कराने के एक सूत्रीय एजेंडा को लेकर नेशनल मूव मेन्ट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम ( एन.एम.ओ.पी.एस.) की दिल्ली यूनिट की पहल पर  9 नवम्बर से अनिश्चितकालीन अनशन शहीद पार्क में शुरू हुआ।  अनशन में सैकड़ों की संख्या में बैतूल जिले के कर्मचारी भी शामिल हुए। शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की प्रतिमाओं पर माल्यापर्ण के बाद इन्ही महान शहीदों प्रतिमाओ के समक्ष हजारो कर्मचारियों ने संकल्प लिया कि वे ओल्ड पेंशन स्कीम सभी के लिए बहाल कराकर देश मे समान पेंशन नीति लागू होने तक अपनी जंग जारी रखेंगे। एन.एम.ओ.पी.एस. बैतूल इकाई के जिलाध्यक्ष रवि सरनेकर ने बताया कि पेंशन किसी की अनुकम्पा नही है, यह कर्मचारियों का संवैधानिक अधिकार है। वैसे भी देश मे सभी पब्लिक सर्वेंट के लिए पेंशन नीति समान होनी चाहिए। सांसदों, विधायको, निगम पार्षदों, हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के जजो और सेना को ओल्ड पेंशन स्कीम लागू रखना और शेष कर्मचारियो यहां तक कि अर्धसैनिक बलों को भी गारेंटिड ओल्ड पेंशन योजना से बाहर करके अप्रैल 2004 से एन.पी.एस. लागू कर देना असंवैधानिक है। यह समानता के अधिकार का स्पष्ट उलंघन है। पब्लिक सर्वेंट्स की सामाजिक सुरक्षा  के प्रति भी एनपीएस कोई विश्वसनीय योजना नही है। श्री  सरनेकर ने बताया कि उन्हें ओल्ड पेंशन स्कीम में ही पेंशन मिलेगी, लेकिन वे एनपीएस को 2004 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों के साथ अन्याय और इस योजना को घोटाला योजना मानते हुए ओल्ड पेंशन बहाली आंदोलन का समर्थन करते है। 
एन.एम.ओ.पी.एस. दिल्ली के अध्यक्ष एवम राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी मनजीत सिंह पटेल ने बताया कि हम कई वर्षों से एनपीएस को स्क्रैप करके ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल करने की मांग करते आ रहे है, लेकिन सरकार ने कुछ बदलाव किए तो है लेकिन वे नाकाफी है। गोवर्नमेंट से अपना शेयर 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया है, लेकिन इससे गारेंटिड पेंशन की दिशा में कुछ हासिल नही होता है। कर्मचारियों की मुख्य मांग गारेंटिड पेंशन योजना लागू कराना है। शहीद पार्क में सत्याग्रह स्थल पर झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा , पंजाब और राजस्थान से अच्छी खासी तादाद में कर्मचारी नेताओ ने भाग लिया। सभी कर्मचारी नेताओ की एक ही मांग है ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल हो। मध्यप्रदेश प्रांतीय अध्यक्ष, एन.एम.ओ.पी.एस. के परमानंद डेहरिया  ने बताया कि मध्यप्रदेश के हर कार्यालय से हमारे साथी पेंशन सत्याग्रह में शामिल होंगे। हमारा यह आंदोलन ओल्ड पेंशन स्कीम लागू होने तक जारी रहेगा। श्री डेहरिया का कहना है कि अर्धसैनिक बलों, पुलिस को गारेंटिड पेंशन योजना से बाहर कर दिया गया है, सांसद, विधायक, पार्षद दो और तीन जगहों से भी पेंशन के हकदार है। यह बेहूदा हरकत देश की जनता और कर्मचारियों को अब बर्दाश्त नही है। देश मे समान नीति लागू की जाये। दिल्ली में हुए अनशन में जिले से राजेंद्र कटारे, साहेबराव चिल्हाटे, भीम लांजीवार, भोजराज गुजरे, गंगाराम घुड़ाले, गोकुल झरबड़े, धनराज पाटिल, सन्तोष मर्सकोले, कन्हैया इवने, दारासिंह धुर्वे, गुनवंत सीताराम मर्सकोले, श्री खातरकर, पंजाब भालेकर, दिनेश सोनारे, मदन कापसे, हेमराज बेले, नत्थू उइके, भास्कर सलामे, मुरारीलाल यादव, कैलाश सलाम, सुरेश पोटफोड़े, कलीराम इवने, गोरेलाल उइके, दिनेश दाबड़े, सन्तोष परते, राजकुमार धुर्वे, अनिल कापसे, धनाराम इवने, जेपी वाडिवा, चरणसिंह उइके, श्रीमती विनीता वाल्के, श्रीमती गौरी टिकरिया, श्रीमती उर्मिला डोंगरे, श्रीमती कमला जैसवाल, श्रीमती पुष्पा ठाकुर, प्रमिला मर्सकोले आदि शामिल हुए।