संविधान सभा को आज ही के दिन किया था बाबा साहब ने संबोधित

संविधान सभा को आज ही के दिन किया था बाबा साहब ने संबोधित


     बैतूल. की आवाज.  बाबा साहब


इतिहास में 25 नवंबर की तारीख स्वतंत्र भारत की एक बड़ी महत्वपूर्ण घटना के साथ दर्ज है। 25 नवंबर 1949 को संविधान सभा की आख़िरी बैठक में बाबा साहब भीम राव आंबेडकर ने समापन भाषण दिया था। इसमें उन्होंने नव निर्मित राष्ट्र के सामने आने वाली चुनौतियों का विस्तार से वर्णन करने के साथ ही बड़े संयमित शब्दों में उन चुनौतियों से निपटने के तरीके भी सुझाए।


यहां यह उल्लेखनीय है कि बाबा साहब ने उस समय जिन चुनौतियों को राष्ट्र निर्माण में बाधक करार दिया था, वह आज भी उतनी ही विकरालता के साथ देश के सामने मौजूद हैं। यह उनकी दूरदर्शिता की थी कि वह संविधान सभा के आख़िरी भाषण में आर्थिक और सामाजिक गैरबराबरी के ख़ात्मे को राष्ट्रीय एजेंडे के रूप में सामने लाए।


 संविधान दिवस: आपको भी जरूर जाननी चाहिए ये 10 बातें


आज के दिन यानी 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसकी शुरुआत साल 2015 में हुई थी। दरअसल उस समय भारतीय संविधान बनाने वाले बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की 125 वीं सालगिरह थी और उन्हें सम्मान देने के लिए 26 नवंबर को संविधान दिवस के तौर पर मनाए जाने का फैसला किया गया था। आज के दिन आपको संविधान से जुड़ी कुछ बातें जरूर जाननी चाहिए


सविधान की कुछ खास बातें


जानिए संविधान बनने में कितना समय लगा
भारतीय संविधान को तैयार करने के लिए एक संविधान सभा का निर्माण किया गया था। डॉ राजेंद्र प्रसाद को इसका स्थायी अध्यक्ष चुना गया, जो अंत तक इस पद पर बने रहे। इस संविधान सभा ने 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन मे कुल 114 दिन बैठक की, इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की पूर्ण स्वतन्त्रता थी।


2. विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है
भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसमें अब 465 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 भागों में विभाजित है। 


3. भारत का कोई आधिकारिक धर्म नहीं है
संविधान में ही ये ​निहित है कि भारत का कोई आधिकारिक धर्म नहीं होगा यह ना तो किसी धर्म को बढावा देता है, ना ही किसी से भेदभाव करता है। भारत के नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, पद, अवसर और कानूनों की समानता, विचार, भाषण, विश्वास, व्यवसाय, संघ निर्माण और कार्य की स्वतंत्रता, कानून तथा सार्वजनिक नैतिकता के अधीन प्राप्त होगी।


4. जब संविधान पर हस्ताक्षर हुए तो क्या था शुभ शगुन
जिस दिन संविधान पर संसद के अंदर हस्ताक्षर हो रहे थे उस दिन बाहर मूसलाधार बारिश हो रही थी। सदन में बैठे सदस्यों ने इसे बहुत ही शुभ शगुन माना था। वैसे भी हिंदुस्तान में बारिश को शुभ संकेतों से ही देखा जाता है। 


5.किसने हाथों से लिखा पहला संविधान 
भारतीय संविधान की वास्तविक प्रति प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा हाथों से लिखी गई थी। इसे इटैलिक स्टाइल में काफी खूबसूरती से लिखा गया था जबकि हर पन्ने को शांतिनिकेतन के कलाकारों से बखूबी सजाया और संवारा था।


6. संविधान पर हस्ताक्षर करने वालों में 15 महिलाएं थीं
हाथों से लिखे संविधान को 24 जनवरी 1950 को ही साइन किया गया था। इसे 284 संसद सदस्यों ने साइन किया था, इसमें सिर्फ 15 महिला सदस्य थीं। इसके बाद 26 जनवरी से ये संविधान पूरे देश में लागू हो गया था।


7. भारतीय संविधान की आत्मा कहां से ली गई है
संविधान की आत्मा कहे जाने वाले Preamble यानी प्रस्तावना को अमेरिकी संविधान से लिया गया है। दोनों ही देशों के संविधान में प्रस्तावना की शुरुआत "We the people" से होती है।


8. संविधान लागू होने के बाद से अबतक हुए 101 संशोधन
सितंबर 2016 तक भारतीय संविधान में सिर्फ 101 संशोधन हुआ है। ताजा संशोधन बिल जीएसटी बिल था, जिसे मोदी सरकार लेकर आई थी। इतने सालों में इतने कम संशोधन के कारण ही भारतीय संविधान को खास और अच्छा बताया जाता है। 


9. कब आया हमारा राष्ट्रीय चिह्न
26 जनवरी 1950 को ही भारत ने अशोक चक्र को बतौर राष्ट्रीय चिह्न स्वीकार किया था। 


10. देश आज दूसरा संविधान दिवस मना रहा है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाकायदा अधिसूचना जारी कर 19 नवंबर 2015 को ये घोषित किया कि 26 नवंबर को देश संविधान दिवस मनाएगा। इससे पहले आज के दिन को कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था।


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   बैतूल.   देश मे बाबा साहेब का संविधान लागू नही हुआ- राजरत्न अम्बेडकर


भोपाल के अम्बेडकर जयन्ती मैदान मे भीमसेना द्वारा आयोजित संविधान जागरूकता अभियान में बाबा  बाबा साहब अम्बेडकर के परपोते राजरत्न अम्बेडकर ने अपने उद्बोधन में कहा कि बहुजनो को संविधान में मिले मौलिक अधिकार धीरे धीरे खत्म हो रहे है।यह समय नाजुक है। संविधान खतरे में है। संविधान के पहले पेज में यह उल्लेख बाबा साहब ने संविधान लागू होने पर पूर्व के सारे नियमो कानून को जीरो करते हुये निरस्त कर दिया है।इस लिये मनुवादी लोग संविधान का कुछ बिगाड़ नही सकते है। लेकिन मनुवादियों ने संविधान को खत्म करने के लिये आर्टिकलो को खत्म करने का तरीका अपनाया हुआ है। शिक्षा से मनुष्य विकास होता है आर्टिकल एक मे 6वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक के बच्चों को निःशुल्क और गुणवत्ता वाली शिक्षा देने का प्रावधान है। लेकीन बगैर परीक्षा के पास करने का प्रावधान नही है।देश मे कक्षा 1से 8वी तक बगैर परीक्षा के पास करने और मिड बटाने की योजना से बच्चा पढ़ाई में कमजोर करने की साजिश है।  सरकारी स्कूल में पढ़ाई बंद कर दी गई है सरकारी शिक्षको पढ़ाने की जगह पोलियो ड्राप पिलाने ,जनगणना, वोटर लिस्ट बना,पौधे लगाना पेड़ गिनती करने,खुले में शौच करने वालो पर नजर रखने के काम दिया हुआ है।बहुजन के बच्चे भविष्य में गुलाम होंगे चोर बदमाश खूनी बल्तकारी बनेगा।भविष्य में समाज मे  सिविल वार की शुरुआत होगी ।वर्तमान में वन नेशन वैन एजुकेशन की जरूरत है।उन्होने कहा कि अन्ना हजारे जैसा व्यक्ति असंवेधानिक कानून को लागू करने के लिये दिल्ली के जंतर मंतर में लाखों लोगों को इकट्ठा करके प्रदर्शन जब कर सकता है तो हम संविधान को बचाने के लिए दिल्ली के जंतर मंतर पर लाखों की संख्या में इकट्ठा होकर प्रदर्शन क्यो नही कर सकते है।जिसके लिए में पूरे देश मे घूम रहा हु ।