शिकायत के आधार पर पत्रकार के खिलाफ प्रकरण दर्ज न किया जाए

शिकायत के आधार पर पत्रकार के खिलाफ प्रकरण दर्ज न किया जाए


एमपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन जिला इकाई बैतूल ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर रखी माँग 


बैतूल(हेडलाईन)। पत्रकार सुरक्षा कानून अविलम्ब बनाये जाने की मांग को लेकर एमपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन ने सोमवार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा।
 सौंपे गये ज्ञापन में एम-पी-वर्किंग-जर्नलिष्ट-यूनियन के जिलाध्यक्ष नवल वर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश सहित जिले में आये दिन पत्रकारों पर अनावश्यक मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। जिसके दृष्टिगत एमपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन विगत कई वर्षों से लगातार पत्रकार हित में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग अनवरत करती रही है।


उल्लेखनीय है कि गृह विभाग के द्वारा जारी परिपत्र में स्पष्ट है कि दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 के अंतर्गत प्रथम सूचना पत्र नियमानुसार दर्ज किया जाए, लेकिन अपराध के पंजीयक के बाद चालान किये जाने के पूर्व प्रकरणों में उपलब्ध साक्ष्य की समीक्षा पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस महानिरीक्षक रेंज द्वारा की जाएगी। गृह विभाग के निर्देश के बाद भी देखने में आता है कि संबंधित थाने में शिकायत के आधार पर विभिन्न धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया जाता है। इस तरह से पत्रकार को सर्वप्रथम जमानत के लिए वकील एवं जमानतदार की व्यवस्था करनी पड़ती है और मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।


जिला स्तर पर बनाई जाए जांच समिति...
ज्ञापन के माध्यम से यूनियन के सदस्यों ने पत्रकार सुरक्षा के तहत जिला स्तर पर जांच समिति बनाए जाने की मांग की है। इसके साथ ही पत्रकार पर शिकायत के आधार पर विभिन्न धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध न करने, धारा 154 के तहत प्रकरण दर्ज करने, जांच उपरांत पत्रकार दोषी पाया जाता है तो नियमानुसार कार्यवाही करने, जांच समिति में पत्रकार, जनसंपर्क अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को शामिल किए जाने की बात कही है।



विगत 5 वर्षों से की जा रही कानून बनाने की मांग
जिलाध्यक्ष श्री वर्मा ने बताया एमपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के बैनर तले विगत 5 वर्षों से पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग की जा रही है। इस संबंध में तहसील, मुख्यालय पर ज्ञापन भी दिये गये थे। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने पूरे प्रदेश का दौरा भी किया था। पूर्व की सरकार ने आश्वासन दिया था कि शीघ्र ही कानून लागू किया जाएगा। वहीं जिला स्तर पर जाँच समिति बनाने के लिए एमपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन ने तत्कालीन गृहमंत्री को पत्र लिखा था। इसके बावजूद आज तक पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की गई। 



पत्रकार सुरक्षा कानून बनाये जाने और जाँच समिति गठित करने की माँग को लेकर ज्ञापन सौंपने वालों में उत्तम मालवीय, युवराज गौर, राजेश भाटिया, इरशाद हिन्दुस्तानी, नवनीत गर्ग, अशोक मालवी, घनश्याम राठौर, अकील अहमद, अरविन्द राठौर, सचिन जैन, रुपेश मंसूरे, वाजिद खान, शैलेंद्र ठाकुर, कुलदीप भाटिया, राजू धोटे, रिशु नायडू, उमाकांत शर्मा, रामदास पाटिल, शशांक सोनकपुरिया, महेश साहू, नवल-वर्मा सहित संगठन के समस्त पत्रकारगण शामिल थे।