वीवीएम कॉलेज से मुक्ताकाश मंच पर हुआ नाटक का मंचन

वीवीएम कॉलेज से मुक्ताकाश मंच पर हुआ नाटक का मंचन
꫰बैतूल की आवाज
बैतूल। बुधवार शाम को वीवीएम महाविद्यालय के मुक्ताकाश मंच पर कालेज के छात्र-छात्राओं द्वारा सृष्टि का आखरी आदमी नाटक का मंचन बड़े ही रोमांचक तरीके से किया गया। देर शाम आयोजित इस नाटक के मंचन को देखने बड़ी संख्या में रंगकर्म के प्रशंसक पहुंचे। नाटक की शुरुआत के पूर्व बैतूल विधायक निलय डागा, डीएसपी मोतीलाल कुशवाह, महाविद्यालय परिवार से जुड़े संजय बालपुरे, निर्गुण देशमुख, नागरिक बैंक अध्यक्ष अतीत पंवार, वरिष्ठ रंगकर्मी अविनाश देशपांडे ने तुलसी के पौधे का पूजन कर कलाकारों को शुभकामनाये दी। नाटक के निर्देशक शिरीष सोनी ने बताया कि लोकतंत्र में जब अभिव्यक्ति की आजादी को सत्ता अपराध मानती है, तो परिवर्तन के लिए आम आदमी के अंतर्मन की अभिव्यक्ति अगुआ बनकर समाज में बड़े परिवर्तन के स्वप्न साकार करती है। विश्व विख्यात लेखक धर्मवीर भारती की कालजयी यह रचना सृष्टि का आखिरी आदमी लोकतंत्र में लोक की पीड़ा को प्रदर्शित करता है। नाटक के किरदार अपने चरित्र से न्याय करते हुए अभिनय को मंच पर साकार करने में सफल हुए हैं। चूहे के रूप में डरी हुई भीड़ और सत्ता के शिकार मुर्दे को लेखन में जनमानस का प्रतीक बताया गया है। हिंसा समस्याओं का समाधान कभी नहीं होती है के इस दर्शन को यह कालजयी कृति एक बार फिर समाज के सामने लाती है।  एकांकी के माध्यम से उक्त भाव दिखाने का प्रयास किया गया कि आज के समय में आम आदमी सब सहने का आदि हो गया है। शायद उसके अंदर डर का एक भाव घर कर गया है जिससे बहुत कम लोग उबर पाते हैं। यही डर का भाव उन्हें चूहे जैसी जिंदगी जीने का आदि कर देता है। धीरे-धीरे यह डर जब फैलता जाता है तब दूसरा पक्ष हावी होने लगता है। जिससे धरती पर पाप अन्याय अत्याचार बढऩे लगता है, और इसी बीच यदि किसी ने उसके खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश की तो उसे दबा दिया या कुचल दिया जाता है। एक नई रोशनी सारे अंधकार को चीरते हुए इस धरती को प्रकाशमान कर देती है और एक नए जीवन के दर्शन को परिलक्षित करती है। यही इस नाटक के माध्यम से दिखाया गया।
इन कलाकारों के जीवंत अभिनय बांधा समा
लेखक धर्मवीर भारती द्वारा लिखित व जिले के युवा रंगकर्मी शिरीष सोनी द्वारा निर्देशित नाटक में पल्लवी लोखंडे, लुभांशु गुरव, जय खातरकर, साहिल खान, राखी पारखे, गौतम बामने, दीपू धाकड़, मोनिका अखण्डे ने अपने जीवंत अभिनय से दर्शकों को रोमांचित होने पर मजबूर कर दिया। जबकि संगीत संयोजन ब्रजकिशोर वानखेड़े, दिलीप रावत, प्रकाश संयोजन दिव्यांशु गोस्वामी, मंच सज्जा व मेकअप श्रेणिक जैन तथा वेशभूषा की जिम्मेदारी रिदा दीदी द्वारा बेहतर तरीके से निभाई गई।