कर्मचारियों के संरक्षक बने पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे


कर्मचारियों के संरक्षक बने पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे*


15 वर्ष से संघर्ष कर रहे अधिकारी कर्मचारियों को दिया समर्थन*
बैतूल। विगत 15 वर्षों से पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने की बांट जोह रहे प्रदेश के 6.30 लाख एनपीएस धारी कर्मचारियों का हक उन्हें वापस दिलाने अब प्रदेश के पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम
के जिला संयोजक रमेश बारस्कर ने एनपीएसधारी कर्मचारियों अधिकारियों की मांग शासन तक पहुंचाने के उद्देश्य से श्री पांसे को संरक्षक बनाने के लिए उन्हें पत्र प्रेषित कर अनुमति मांगी थी। संगठन की इस इच्छा को सहर्ष स्वीकार करते हुए श्री पांसे ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर प्रदेश के लाखों एनपीएस धारी कर्मचारियों को विश्वास दिलाया कि अब वह उनका हक उन्हें वापस दिलाने के लिए शासन तक बात पहुंचाएंगे। जिला संयोजक डॉ.रूपेश पद्माकर ने बताया कि वर्ष 2004 मे सरकार के द्वारा सभी शासकीय कर्मचारियो के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बंद कर न्यू पेंशन योजना (एनपीएस) की गई है। कर्मचारियो का मानना है की यह स्कीम सम्पूर्ण रूप से बाजारो के जोखिमो के अधीन है, इसमे कर्मचारियो को कितनी पेंशन मिलेंगी यह तय नहीं है। ऐसे मे जीवन भर सरकारी सेवा देने वाला कर्मचारी अपना जीवन यापन कैसे करेंगा। इन्ही सभी बातो को लेकर देशभर में एनपीएस बंद कर ओपीएस आरंभ करने का आंदोलन चरम पर है। 
इन कारणों से हो रहा है एनपीएस का विरोध
जिला अध्यक्ष रवि सरनेकर ने बताया कि पुरानी व्यवस्था में, पूरी पेंशन राशि सरकार द्वारा दी जाती थी, जबकि जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) में कर्मचारी योगदान के लिए निश्चित रिटर्न की गारंटी थी। सरकार अंतिम वेतन और महंगाई भत्ता (डीए) का 50% सेवानिवृत्त होने के बाद कर्मचारियों को पेंशन के रूप में और मौत के बाद कर्मचारियों के आश्रित परिवार के सदस्यों को भुगतान करती थी। पुरानी पेंशन पाने वालों के लिए जीपीएफ सुविधा उपलब्ध है जबकि नई पेंशन योजना में जीपीएफ नहीं है। जीपीएफ पर ब्याज दर निश्चित है जबकि एनपीएस पूरी तरह शेयर पर आधारित है। पुरानी पेंशन वालों के परिवार वालों को सेवाकाल में मृत्यु पर डेथ ग्रेच्युटी मिलती है जो सातवें वेतन आयोग ने 10 लाख से बढाकर 20 लाख कर दिया है जबकि नई पेंशन वालों के लिए डेथ ग्रेच्युटी की सुविधा अभी हाल ही में की गयी है। पुरानी पेंशन योजना में रिटायरमेन्ट के समय एक निश्चित पेंशन (अन्तिम वेतन का 50%) की गारंटी थी जबकि नई पेंशन योजना में पेंशन कितनी मिलेगी यह निश्चित नहीं है यह पूरी तरह शेयर मार्केट व बीमा कम्पनी पर निर्भर है। पुरानी पेंशन सरकार देती है जबकि नई पेंशन बीमा कम्पनी देगी। यदि कोई समस्या आती है तो हमें सरकार से नहीं बल्कि बीमा कम्पनी से लड़ना पडेगा। पुरानी पेंशन पाने वालों के लिए रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी ( अंतिम वेतन के अनुसार 16.5 माह का वेतन) मिलता है जबकि नयी पेंशन वालों के लिये ग्रेच्युटी की व्यवस्था सरकार ने हाल ही में की है। पुरानी पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती है जबकि नयी पेंशन योजना में वेतन से प्रति माह 10% की कटौती निर्धारित है।पुरानी पेंशन में आने वाले लोगों को सेवाकाल में मृत्यु होने पर उनके परिवार को पारिवारिक पेंशन मिलती है जबकि नयी पेंशन योजना में पारिवारिक पेंशन को समाप्त कर दिया गया है, लेकिन अब सरकार इस पर विचार कर रही है। पुरानी पेंशन पाने वालों को हर छह माह बाद महँगाई तथा वेतन आयोगों का लाभ भी मिलता है जबकि नई पेंशन में फिक्स पेंशन मिलेगी। महँगाई या वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा। यह एक बहुत बड़ा नुकसान है। पुरानी पेंशन योजना वालों के लिए जीपीएफ से आसानी से लोन लेने की सुविधा है जबकि नयी पेंशन योजना में लोन की कोई सुविधा नही है (विशेष परिस्थिति में कठिन प्रक्रिया है केवल तीन बार वह भी रिफण्डेबल), पुरानी पेंशन योजना में जीपीएफ निकासी (रिटायरमेंट के समय) पर कोई आयकर नहीं देना पडता है जबकि नयी पेंशन योजना में जब रिटायरमेंट पर जो अंशदान का 60% वापस मिलेगा उसपर आयकर लगेगा। संरक्षक बनने पर मध्य प्रदेश एवं पूरे देश में कर्मचारी अधिकारियों के बीच खुशी का माहौल है माननीय महहोदय जी का आभार व्यक्त करने वालों में श्री परमानन्द डेहरिया जी प्रांत अध्यक्ष नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम मध्य प्रदेश जनक सिंग रावत राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर अशोक तिवारी राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बहन शिल्पी सिवान  बहन सारिका अग्रवाल  फातिमा बानो जी एस मेहर  रमेश बारस्कर   सुनील घोरमाडे फारूक खान रमेश पाटिल महेंद्र पांडे डी के सिंगौर मनमोहन जाटव  आरिफ अंजुम बैतूल जिले से रवि सरनेकर विनोद पडलक भीम लांजीवार राजेन्द्र कटारे घनश्याम वरवडे  घनश्याम महतकर नीरज गलफट नीरज पवार पल्लव दुबे पुरोसस्तम सातपुते  ओमप्रकाश साहू कन्हैया जितपुरे कन्हैया इवने रामविलास बामने मनोज सिंगारे मंगेश धुर्वे  अमरलाल यादव रूपेश धुर्वे ऋषि वर्मा आशीष भुसारी गोकुल झरबडे धनराज पाटिल अनिता सोनारे जितेंद्र देशमुख भीम धोटे पंजाबराव  गायकवाड राजकुमार राठौर साहेबराव  चिल्हाटे दिनेश सोनारे मोहन कापसे गिरीश साहु राजकुमार मालवीय जितेंद्र खन्ना भोजराज गुजरे अनिल कापसे सुरेंद्र पाटिल राजेश पाटिल सागर बिंझडे नन्दकिशोर इवने अतुल पटेल श्रीराम भुस्कुटे विजय पटैया अनिल महाले लीलाधर नागले विनीता  वाल्के अमलेंदु मिश्रा  दिनेश मगरदे  संदीप तारे संतोष आहाके  रोशनी भावसार  आरती पाल प्रमिला कुमरे पुष्पा ठाकुर प्रमिला डोंगरे कमला जायसवाल गौरी टिकारीया  रामेश्वर यदुवंशी हरिशंकर धुर्वे  अंकुश उईके श्रीराम पाटनकर  विनोदी सूर्यवंशी  गुनवंत खातरकर  मुकेश मालवीय  कमल खडसे  सुशीला चंदेल  भारती यादव  रिंकू यादव  के एन शर्मा मनीष सोनी मनीष धोटे  मनोज लोखंडे शिरीष वर्मा राजेंद्र मालवीय  कमलेश शर्मा  मुकेश सरनेकर कमलेश राकसे मुकेश तिवारी  विनोद यादव सन्तोष पाटनकर नौसाद खान  स्वेता शुक्ला नम्रता सूर्यवंशी राज श्री अदिरे  सुभाष सातनकर अताउर  कुरैशी चंद्रभान बारस्कर महेंद्र राठोर अमित आर्य सीमा असवारे सतेंद्र उईके मिलन तीमोती संजीव लोखंडे  हेमंत जोशी  पीयूष खातरकर ब्रजेश गढ़वाल मुकेश सरियाम  राजेश गंगारे हेमराज बेले दसरथ धुर्वे  विवेक तिवारी  अम्बुज पांडे  ज्ञानेंद्र शुक्ला  सतीष सराठे  अमोल पानकर राजू गंगारे  प्रदीप चौधरी मंटू वर्मा शैलेन्द्र बिहारिया सुनील पंडागरे सन्दीप पवार रंजीता जोशी कविता गढ़वाल मेहर प्रभा परमार दुर्गा धुर्वे विलीन चौकीकर राजेश जैन श्याम यादव विश्वनाथ घाणेकर प्रदीप गीते गंगाराम घुड़ाले रवि अतुलकर विजय कोरी  मोती उइके परसराम खातरकर विकास खातरकर अनिल धोटे अंकुर धोटे अतुल शर्मा गोपाल मानकर द्वारका प्रसाद पवार ऋषिराम नाडेकर रविन्द्र बिसोने दशरथ बर्डे राकेश बेडरे विजय मालवीय संतोष मर्सकोले अनिल गुहे मारोती चौकीकर रामराव इवने दिनेश हरफोड़े राजकुमार धुर्वे राजकुमार वर्मा जगदीश बिसने धरम दास दवन्डे गजराज सिंह देवड़ा शशि कला ब्राह्मणी वंदना झरबडे रजनी सरियाम ममता सरनेकर ममता साहु रजनी बडौदे कविता पंवार चंचल पांसे रामनारायण झा वीरेन्द्र शुक्ला राजेश बेले महेंद्र निरापुरे साधना चौहान गंगाप्रसाद यादव धारा सिंह धुर्वे तुलसीराम उइके अरविंद तायवडे रामेश्वर साबले शानी देव संगीता ठोके दीक्षा साहु श्यामदेव ब्रह्मणे प्रहलाद वामनकर मनीष नारे राजकुमार रसोले डंगरु उइके सुखलाल उइके आशीष पानकर कृष्णा लोखंडे  लक्ष्मीचंद अमरुते  भगवान दिन बेले  पप्पू डोंगरे  रघुनाथ ठाकरे गोपाल बिहारे मनोहर मालवीय आजाद कश्यप के आर पाटिल श्याम पाटिल आदि ने आभार व्यक्त किया