8 जनवरी को राष्ट्रव्यापी केंद्र बंद हड़ताल पर रहेंगी जिले की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता
बैतूल। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन मध्य प्रदेश सीटू के प्रांतीय आव्हान पर 8 जनवरी को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका केन्द्र बंद हड़ताल पर रहेगी। इस दौरान जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। यूनियन के संरक्षक कामरेड कुंदन राजपाल ने बताया कि न्यूनतम वेतन 21000 रूपये करने, श्रम कानूनों में किये जा रहे मजदूर कर्मचारी विरोधी नीतियों को वापस लेने , पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ देने, 10 हजार रूपये मासिक पेंशन देने, श्रम कानूनों सखी से पालन करने, सभी असंगठित मजदूरों के लिये सामाजिक सुरक्षा कोष बनाकर कल्याण योजनाओं का लाभ देने 12 सूत्रीय आंगनवाड़ी कर्मियों सहित सभी योजना कर्मियों को श्रमिक का दर्जा न्यूनतम वेतन देने, आंगनवाड़ी परियोजनाओं सहित सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों का निजीकरण पर रोक सहित 12 सूत्रीय मांगों को लेकर सभी केन्द्रीय श्रमिक संगठनों एवं राष्ट्रीय फेडरेशनों के आव्हान पर 8 जनवरी को देश के करोड़ों मजदूर कर्मचारी एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर रहेंगे। श्री राजपाल ने बताया कि श्रम कानूनों में श्रमिक विरोधी संशोधन बंद करो, श्रम काननों का लाभ आंगनवाड़ी कर्मियों को भी दो, संघ मांग है कि आंगनवाड़ी कर्मियों को श्रम कानूनों का लाभ दिया जाये। भारतीय श्रम सम्मेलन ने सर्वसम्मती से निर्णय लेकर आंगनवाड़ी कर्मियों को श्रमिक का दर्जा , न्यूनतम वेतन व पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ दिया जावे , लेकिन केन्द्र सरकार श्रमिकों के लिये बनी सभी कानूनों को ही खत्म कर रही है । शासकीय विभाग के ढेर सारे काम करने के बाद भी सरकार आंगनवाड़ी कर्मियों को सरकारी कर्मचारी बनाना तो दूर, श्रम कानूनों का लाभ भी देने के लिये तैयार नहीं है , बल्कि काम का बोझ और बढ़ाते जा रहे हैं । आंगनवाड़ी कर्मियों को न्यूनतम वेतन , महंगाई भत्ता , भविष्य निधि का लाभ देने के लिये सरकार के पास पैसा नहीं है , लेकिन सरकार हजारों हजार लोगों को रोजगार देने , लाखों करोड़ रूपये का उत्पादन , व्यापार एवं हजारों करोड़ रूपये का मुनाफा कमाने वाले सरकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के बड़ी बड़ी उद्योगों को मिट्टीमोल में पूंजीपतियों को बेच कर देश को खोखला कर रही है । सरकार देश व प्रदेश में भी सभी स्थायी रोजगार को समाप्त करने पर तुले हुए है । सरकार की यह कार्यवाही केवल मजदूर कर्मचारियों के साथ ही नहीं बल्कि पूरे देश के साथ धोखा है । केन्द्रसरकार की इन नीतियों के खिलाफ देश के सभी केन्द्रीय श्रमिक संगठनों एवं राष्ट्रीय फेडरेशनों ने एकजुट होकर 21 , 000 रूपये न्यूनतम तय करने , श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी संशोधन वापस लेने सहित 12 सूत्रीय मांगों को लेकर 08 जनवरी 2020 को एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने का निर्णय लिया है । आल इंडिया आंगनवाड़ी वर्कर्स एण्ड हेल्पर्स फेडरेशन ने इन मांगों व निर्णय का समर्थन करते हुये इस हड़ताल में शामिल होने का निर्णय लिया है । उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार महिला एवं बाल विकास विभाग के बजट में लगातार कटौती की जा रही है । सरकार आंगनवाड़ी केन्द्रों को वेदान्ता जैसे बदनाशुदा निजी कम्पनीयों के हाथों में थोपना चाहती है । सरकार ने इस्कॉन , अक्षयमाला व नान्दी फाउण्डेशन जैसे गैर सरकारी संगठनों को पूरक पोषण आहार सौंपने का निर्देश दिया है , और आंगनवाडिय़ों का फंड निजी नर्सरी स्कूलों के लिए दिये जाने को भी योजना है । सरकार ने मातत्व लाभ योजनाओं के बजट में कटौती की है । केन्द्र सरकार ने यह भी तय किया है , कि जिनके पास आधार कार्ड नहीं होगा उन्हें आंगनवाडी सेवायें नहीं दी जाये, जबकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार आधार कार्ड के बिना किसी भी सेवा कार्य को रोका न जाये । यूनियन की जिलाध्यक्ष सुनीता राजपाल, कार्यकाशरी अध्यक्ष सुशीला मेहरा, महासचिव पुष्पा वाईकर, कोषाध्यक्ष संगीता कनाठे, उपाध्यक्ष सविता आर्य, योगिता शिवहरे, सचिव सुनीता तिवारी, इंद्रा भारद्वाज, गीता मालवी, रेखा खाड़े सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने 8 जनवरी को सभी कार्यकर्ताओं से जिला मुख्यालय पर उपस्थित होकर केन्द्र बंद हड़ताल को सफल बनाने की अपील की है।