गहन जाँच का विषय: यह ट्रांसफर है या नई
पोस्टिंग..!
स्वास्थ्य विभाग में अंतर जिला तबादलों को लेकर घोटाले का अंदेशा
अंतर जिला तबादला होकर आए कर्मचारियों की पूर्व तैनाती पर उठ रहे सवाल
शाहपुर/बैतूल
जिले के स्वास्थ्य महकमे में कुछ तो ऐसा हो रहा है कि जिसे देखकर कहा जा सकता है कि कुछ तो गड़बड़ है, यह गड़बड़ इतनी बड़ी बताई जा रही है कि यदि इसका खुलासा होगा तो बैतूल से लेकर राजधानी भोपाल तक हंगामा मच जाएगा।
सरकार को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा, इस गड़बड़ को ढकने के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन यह गड़बड़ तकनीकी रूप से इतनी खुली हुई बताई जा रही है कि इसका एक सिरा पकडऩे से ही पूरा कहानी अपने आप बयाँ होने लगती है, जो इस गड़बड़ को जान समझ रहे है उनका दावा है कि ट्रांसफर की आड़ में नई पोस्टिंग की गई है और यह सब एनएचएम में हुआ है, यह किस तरह हुआ है, किसके माध्यम से हुआ है और इसमें कौन-कौन सा बड़ा खिलाड़ी शामिल है, यह सब तो जांच का विषय है पर यह तय है कि एनएचएम में यह जो घोटाला है यह व्यापम के माध्यम से तो नहीं है, लेकिन व्यापम से बड़ा बताया जा रहा है।
- तबादला सूची ही है जांच का विषय...
एनएचएम संविदा स्तर पर जो अंतर जिला तबादले हुए उसकी सूची जांच का विषय है कौन किस जिले से बैतूल में आया है, किस तबादला आदेश के तहत आया है, पूर्व पोस्टिंग के दौरान उसकी भूमिका क्या थी वह कहाँ पदस्थ था, क्या तबादला आदेश जो आया है वह वेरिफाइ है, क्या जिस तबादला आदेश पर ज्वाइनिंग हुई है वह प्रदेश कार्यालय से जारी हुआ है, ऐसे कई तरह के सवाल है जिनका जवाब यदि खोजा गया तो बहुत सी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
- जिले के जिम्मेदार सवालों का जवाब देने से बच रहे
इस मामले में एक पहलू यह भी आया कि तबादला भले ही किसी अन्य जिले से हुआ हो, लेकिन जिले में ज्वाइनिंग हुई है। जिन जिम्मेदार अधिकारियों को इस संबंधित सवाल-जवाब किये गये तो वे भी इस पूरे मामले में बोलने से बच रहे हैं। वहीं जब भी उनसे सवालों के साथ मिलने की कोशिश करो तो टालमटोल करने लगते है, चाहे वह किसी ब्लॉक का बीएमओ हो या सीएमएचओ हर कोई अंतर जिला तबादले में आए कर्मचारियों को लेकर चुप्पी साध जाता है और इनकी चुप्पी में कई रहस्य छुपे हैं।
- लगभग 70 से 80 कर्मचारी का तबादला और तैनाती संदिग्ध...
सितंबर माह में जिले में तबादला होकर आए कर्मचारियों के तबादला आदेश, नियुक्ति आदेश सहित उनकी तैनाती पर कई सवाल हैं इन सवालों का जवाब तो जांच के बाद ही सामने आ सकता है, लेकिन यह तय माना जा रहा है फिलहाल सब कुछ संदिग्ध हैं। इन तमाम कर्मचारियों की तैनाती दूर-दराज के ऐसे स्थानों पर की गई है, जहां कोई भी कर्मचारी अपनी तैनाती पसंद ही नहीं करता है। बैतूल जिले में शाहपुर ब्लॉक ही इनकी तैनाती को लेकर सबसे ज्यादा सवालों के घेरे में है।
- अब इन सवालों का जवाब देगा कौन..?
1. जिले में अन्य जिले से तबादला होकर आए कर्मचारियों के अनुबंध किस आधार पर हुए हैं?
2. इनकी जिले में ज्वाइनिंग से पहले जिस जिले से तबादला होकर आए उस जिले से वेरिफाइ किया गया या नहीं?
3. इनका सर्विस रिकार्ड, पूर्व वेतन स्लीप आदि का पूरा रिकार्ड क्या कहता है, इसका वेरिफिकेशन हुआ या नहीं?
4. जो भी कर्मचारी एनएचएम के माध्यम से तबादला होकर आए उनकी जिले में तैनाती किस आधार पर किस सेंटर पर की गई?
5. क्या सीएमएचओ कार्यालय या जिले के एनएचएम प्रभारी ने तबादला आदेश लेकर आने वाले कर्मचारियों की पूरी जानकारी ली या नहीं?
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समाचार 2...
(बैतूल) जांच से झुंझलाए डीएचओ जा रहे छुट्टी पर..!
स्वास्थ्य विभाग में जांच-पड़ताल को दबाने सक्रिय हुए हीरालाल-पन्नालाल..?
बैतूल-शाहपुर .स्वास्थ्य विभाग में तबादलों की आड़ में नई पोस्टिंग का खेल नई दिशा लेता हुआ नजर आ रहा है और जिस दिशा में जा रहा है उससे लग रहा है कि इसकी जड़े बहुत गहरी हैं और जो इन जड़ो में उलझे हुए हैं वह तिलमिलाकर बाहर निकल रहे हैं। उनके बाहर आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार भी मामले से कन्नी काटने का प्रयास कर रहे हैं। इसका बड़ा नमूना यह है कि बैतूल डीएचओ तो आठ संदिग्ध कर्मचारियों को तलब करने वाले अपने ही आदेश को लेकर अनभिज्ञता जाहिर कर रहे हैं और वे अब छुट्टी पर जाने की बातें कर रहे है, इससे लग रहा है कि दाल में काला ही नहीं बल्कि पूरी दाल ही काली है। वहीं सीएमएचओ से भी तलब किए गए कर्मचारियों को लेकर अपडेट जानने के लिए संपर्क किया गया तो वे भी फोन अटैंड नहीं कर रहे हैं, लेकिन जिला मुख्यालय बैतूल में दिन भर से एक संदिग्ध चार पहिया वाहन सीएमएचओ कार्यालय के आसपास मंडराते हुए देखा गय है और आज 8 कर्मचारियों के मूल दस्तावेजों की पड़ताल को इससे जोड़कर देखा जा रहा है।
- झुंझलाने लगे डीएचओ...
जब बैतूल डीएचओ अरूण शर्मा से शाहपुर क्षेत्र के पदस्थ 8 कर्मचारियों के दस्तावेज परीक्षण के संदर्भ में जानना चाहा तो वे झुंझलाने लगे। उनका कहना था कि उन्हे कोई जानकारी ही नहीं है कि किसी को तलब किया गया है, इस संबंध में उन्हें कोई आदेश भी जारी नहीं किया गया है फिर कहने लगे कि उक्त मामले में वे कुछ नहीं कहना चाहते फिर कहने लगे कि उनके परिवार में कुछ घटना हो गई है इसलिए वे छुट्टी पर जा रहे है। उन्होंने झुंझलाकर साफ कह दिया कि उनकी तरफ से किसी कर्मचारी को सीएमएचओ कार्यालय पेश होने के लिए नहीं कहा गया।
- इधर हीरालाल-पन्नालाल हुए सक्रिय...
कहा जा रहा है कि इस पूरे मामले में हीरालाल-पन्नालाल के नाम से मशहूर एक जोड़ी सक्रिय है, यह जोड़ी बैतूल-भोपाल में इस खेल को नई दिशा देने का प्रयास करने में जुट गये हैं। वहीं भोपाल का एक चार पहिया वाहन भी बैतूल में मंडराते हुए देखा गया, इसे बुधवार को सीएमएचओ कार्यालय बैतूल के आसपास भी देगा गया है, कहा जा रहा है कि यह जोड़ी इस मामले के इस तरह उजागर होने और उस पर स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी के संज्ञान लेने पर हैरान-परेशान है और इसलिए वह अपने उच्च स्तरीय सूत्रों से मामले को जहां के वहां दफन करने के लिए सक्रिय हो गये हैं ।
- गहरी है मामले की जड़ें...
वास्तविकता में इस मामले का लेना-देना केवल बैतूल जिले तक हो ऐसा लग नहीं रहा है इसका प्रदेश स्तर तक भी व्यापक नेटवर्क हो सकता है और भी जिलों में इसी तरह तबादलों की आड़ में नई पोस्टिंग कराने का खेल हो सकता है, सत्यता तो जब ही सामने आएगी जबकि पूरे मामले की जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी से करवाई जाए, वहीं जो इस पूरे मामले को जान-समझ रहे है उनका तो दावा है कि यह घोटाला बिना व्यापम के ही व्यापम से भी बड़ा घोटाला है, जिसमें कई बड़ी मछलियां भी शामिल है।
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समाचार 3
गहन जाँच का विषय: यह ट्रांसफर है या नई पोस्टिंग..!
स्वास्थ्य विभाग में अंतर जिला तबादलों को लेकर घोटाले का अंदेशा
अंतर जिला तबादला होकर आए कर्मचारियों की पूर्व तैनाती पर उठ रहे सवाल
शाहपुर/बैतूल
जिले के स्वास्थ्य महकमे में कुछ तो ऐसा हो रहा है कि जिसे देखकर कहा जा सकता है कि कुछ तो गड़बड़ है, यह गड़बड़ इतनी बड़ी बताई जा रही है कि यदि इसका खुलासा होगा तो बैतूल से लेकर राजधानी भोपाल तक हंगामा मच जाएगा।
सरकार को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा, इस गड़बड़ को ढकने के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन यह गड़बड़ तकनीकी रूप से इतनी खुली हुई बताई जा रही है कि इसका एक सिरा पकडऩे से ही पूरा कहानी अपने आप बयाँ होने लगती है, जो इस गड़बड़ को जान समझ रहे है उनका दावा है कि ट्रांसफर की आड़ में नई पोस्टिंग की गई है और यह सब एनएचएम में हुआ है, यह किस तरह हुआ है, किसके माध्यम से हुआ है और इसमें कौन-कौन सा बड़ा खिलाड़ी शामिल है, यह सब तो जांच का विषय है पर यह तय है कि एनएचएम में यह जो घोटाला है यह व्यापम के माध्यम से तो नहीं है, लेकिन व्यापम से बड़ा बताया जा रहा है।
- तबादला सूची ही है जांच का विषय...
एनएचएम संविदा स्तर पर जो अंतर जिला तबादले हुए उसकी सूची जांच का विषय है कौन किस जिले से बैतूल में आया है, किस तबादला आदेश के तहत आया है, पूर्व पोस्टिंग के दौरान उसकी भूमिका क्या थी वह कहाँ पदस्थ था, क्या तबादला आदेश जो आया है वह वेरिफाइ है, क्या जिस तबादला आदेश पर ज्वाइनिंग हुई है वह प्रदेश कार्यालय से जारी हुआ है, ऐसे कई तरह के सवाल है जिनका जवाब यदि खोजा गया तो बहुत सी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
- जिले के जिम्मेदार सवालों का जवाब देने से बच रहे
इस मामले में एक पहलू यह भी आया कि तबादला भले ही किसी अन्य जिले से हुआ हो, लेकिन जिले में ज्वाइनिंग हुई है। जिन जिम्मेदार अधिकारियों को इस संबंधित सवाल-जवाब किये गये तो वे भी इस पूरे मामले में बोलने से बच रहे हैं। वहीं जब भी उनसे सवालों के साथ मिलने की कोशिश करो तो टालमटोल करने लगते है, चाहे वह किसी ब्लॉक का बीएमओ हो या सीएमएचओ हर कोई अंतर जिला तबादले में आए कर्मचारियों को लेकर चुप्पी साध जाता है और इनकी चुप्पी में कई रहस्य छुपे हैं।
- लगभग 70 से 80 कर्मचारी का तबादला और तैनाती संदिग्ध...
सितंबर माह में जिले में तबादला होकर आए कर्मचारियों के तबादला आदेश, नियुक्ति आदेश सहित उनकी तैनाती पर कई सवाल हैं इन सवालों का जवाब तो जांच के बाद ही सामने आ सकता है, लेकिन यह तय माना जा रहा है फिलहाल सब कुछ संदिग्ध हैं। इन तमाम कर्मचारियों की तैनाती दूर-दराज के ऐसे स्थानों पर की गई है, जहां कोई भी कर्मचारी अपनी तैनाती पसंद ही नहीं करता है। बैतूल जिले में शाहपुर ब्लॉक ही इनकी तैनाती को लेकर सबसे ज्यादा सवालों के घेरे में है।
- अब इन सवालों का जवाब देगा कौन..?
1. जिले में अन्य जिले से तबादला होकर आए कर्मचारियों के अनुबंध किस आधार पर हुए हैं?
2. इनकी जिले में ज्वाइनिंग से पहले जिस जिले से तबादला होकर आए उस जिले से वेरिफाइ किया गया या नहीं?
3. इनका सर्विस रिकार्ड, पूर्व वेतन स्लीप आदि का पूरा रिकार्ड क्या कहता है, इसका वेरिफिकेशन हुआ या नहीं?
4. जो भी कर्मचारी एनएचएम के माध्यम से तबादला होकर आए उनकी जिले में तैनाती किस आधार पर किस सेंटर पर की गई?
5. क्या सीएमएचओ कार्यालय या जिले के एनएचएम प्रभारी ने तबादला आदेश लेकर आने वाले कर्मचारियों की पूरी जानकारी ली या नहीं?