आयुष्मान भारत निरामयम म.प्र. योजना- शासकीय कॉलेजों एवं शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूलों में आयोजित होगी नारा लेखन प्रतियोगिता

आयुष्मान भारत निरामयम म.प्र. योजना-
शासकीय कॉलेजों एवं शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूलों में आयोजित होगी नारा लेखन प्रतियोगिता
जिला स्तरीय आयोजन समिति की बैठक 15 जनवरी को
बैतूल, 13 जनवरी 2020
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जी.सी. चौरसिया ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार आयुष्मान भारत निरामयम म.प्र. योजना के नारे लेखन प्रतियोगिता का माह जनवरी में शासकीय कॉलेज एवं शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूलों में आयोजन किया जायेगा। जिसके सफल संचालन के लिए जिला स्तरीय आयोजन समिति की बैठक 15 जनवरी को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के सभाकक्ष में दोपहर 12 बजे से आयोजित की जाएगी। डॉ. चौरसिया ने बताया कि नारे लेखन प्रतियोगिता के आयोजन के लिए जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की अध्यक्षता में एक आयोजन समिति का गठन किया गया है, जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी, जिला जनसम्पर्क अधिकारी, जिला मीडिया अधिकारी, संबंधित कॉलेज, स्कूल के प्राचार्य, डीपीएम एवं आयुष्मान मित्र सदस्य हैं।
डॉ. चौरसिया ने बताया कि सम्पूर्ण जिले में 15 चयनित स्कूलों एवं कॉलेजों में आयुष्मान भारत निरामयम म.प्र. योजना से संबंधित इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा, जिसमें नगद पुरूस्कार के रूप में प्रथम, द्वितीय एवं तृृतीय विजेता को क्रमश: 500, 300 एवं 200 रूपए  प्रदाय किये जायेंगे। जिन शासकीय कालेजों एवं स्कूलों में यह प्रतियोगिता आयोजित की जाना है, उन कालेजों एवं स्कूलों में एक सप्ताह पूर्व नारे लेखन प्रतियोगिता आयोजन की जानकारी दी जायेगी। आयुष्मान भारत निरामयम म.प्र. योजना की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू आयुष्मानभारत.एम.पी.जीओव्ही.इन से भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। 
विकासखण्ड स्तर पर विकासखण्ड स्तरीय समिति का गठन किया जायेगा, जिसमें ब्लाक मेडिकल अधिकारी, ब्लाक एजुकेशन अधिकारी, खंड विस्तार प्रशिक्षक, जनसम्पर्क प्रतिनिधि, शासकीय कॉलेज/शासकीय स्कूल के प्राचार्य, बी.पी.एम. एवं आयुष्मान मित्र सदस्य होंगे। 
डॉ. चौरसिया ने यह भी बताया कि इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये आयुष्मान मित्र की सहायता से गोल्डन कार्ड, कॉमन सर्विस सेंटर द्वारा बनाया जाता है। जिसके माध्यम से प्रत्येक वर्ष प्रत्येक परिवार को 5 लाख रूपये तक कैशलेस इलाज की सुविधा शासकीय चिकित्सालय, शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय तथा चिन्हित निजी अस्पतालों के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।