>बैतूल मे सागौन, तस्करी की तीसरी बड़ी घटना से मचा हड़कंप

आर डी पाटिल


बैतूल मे सागौन, तस्करी की तीसरी बड़ी घटना से मचा हड़कंप


होशंगाबाद जिले की सीमा में अवैध सागौन से भरा ट्रक एसटीएफ ने पकड़ा


लापरवाही उजागर


- बैतूल सीमा की तीन जांच चौकियों से बेखौफ निकल गया था ट्रक


बिना नंबर की बुलोरो जीप. मे साबर का सिग भी ,मिला जिसमें ऐसा लगता की साबर का शिकखर भी हुआ होगा जाच चल रही...?


विभाग और वन सुरक्षा समितियों की भूमिका संदेह के दायरे मे ...


   बैजूल. ꫰जिले का सागौन इन दिनों माफिया के निशाने पर है और उसे बचाने में वन महकमा पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है। एक साल के भीतर सागौन की तस्करी करने के तीन बड़े मामले सामने आए हैं, जिससे वन विभाग के खूफिया तंत्र और वन सुरक्षा समितियों की भूमिका संदेह के दायरे में आ गई है। रविवार को होशंगाबाद जिले की सीमा में वन विभाग की एसटीएफ ने करीब 20 लाख रुपए कीमत की सागौन से भरे जिस ट्रक को पकड़ा है वह राजस्थान का बताया जा रहा है। इसके पहले भी जिले से बड़े पैमाने पर सागौन की तस्करी राजस्थान की जाती रही है और दो मामलों में दर्जनभर से अधिक तस्करों को गिरफ्तार भी किया गया है।


एक साल के भीतर ही जिले में सागौन की तस्करी की तीन बड़ी घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन इसके बाद भी वन महकमा सतर्कता नहीं बरत रहा है। होशंगाबाद जिले के सहेली गांव के पास एसटीएफ द्वारा पकड़े गए ट्रक क्रमांक आरजे 19 जीबी 3688 के चालक रामप्रसाद ने पूछताछ में यह बताया है कि उसे बैतूल के सोनाघाटी में नेशनल हाइवे 69 पर सागौन से भरा ट्रक चलाने के लिए सौंपा गया था। ट्रक के सामने चल रही बोलेरो के पीछे उसे चलने का कहा गया था। नेशनल हाइवे पर पहुंचने के लिए यदि ट्रक चिचोली की ओर से आ रहा है तो वह चिचोली और खेड़ीसांवलीगढ़ की जांच चौकी से गुजरा होगा। इतना ही नहीं बैतूल और होशंगाबाद जिले की सीमा पर धार गांव में वन विभाग की अंतरजिला जांच चौकी हैं। यहां से ट्रक का बिना जांच पड़ताल के गुजर जाना पूरे महकमे की भूमिका संदिग्ध बना रहा है।


पहले भी हो चुकी हैं दो घटनाएं: जिले में उत्तर वन मंडल के शाहपुर में जनवरी 2019 में सागौन से भरे एक ट्रक को पकड़ा गया था। इस ट्रक में भी भरा गया सागौन बैतूल की ओर से ही ले जाया जा रहा था। दूसरी घटना अप्रैल, 2019 में बैतूल जिले के मोहदा में हुई। जहां कूप कटाई के दौरान काटी गई सागौन को बेखौफ होकर ट्रक में भर लिया गया और उसे ले जाने की कोशिश की गई थी। ट्रक खराब होने पर पकड़े जाने के भय से अपराधियों ने लकड़ी से भरे ट्रक को आग लगा दी थी।


पूरे जिले में हो रही कटाईः वन विभाग के सूत्रों की मानें तो बैतूल जिले के जंगलों में जनवरी माह में बड़े पैमाने पर अवैध कटाई हुई हैं। वन विभाग ने इन कटाई के मामलों में बेहद कम नुकसानी का आंकलन कर वन अपराध दर्ज भी किए हैं। सूत्रों के अनुसार गवासेन रेंज की अजई, ताप्ती रेंज के ताप्ती सर्किल, मोहदा रेंज के कामोद सर्किल, चिचोली रेंज के नांदा सर्किल समेत मुलताई रेंज के मासोद सर्किल में बडे पैमाने पर सागौन की अवैध कटाई सामने आई है।


अब वन विभाग कर रहा निगरानीः एक बार फिर जिले से ट्रकों में भरकर सागौन की तस्करी सामने आने के बाद वन विभाग के अफसरों ने निगरानी शुरू की है। अपने खुफिया तंत्र को मजबूत कर वे सागौन के नए तस्करों के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि राजस्थान का नेटवर्क छिन्ना-भिन्ना होने के बाद अब लोकल नेटवर्क तैयार हो गया है जो आरा मशीनों के संचालकों से मिलकर तस्करी को अंजाम दे रहा है।


इनका कहना है


पूरे मामले की जांच एसटीएफ के द्वारा की जा रही है। हम भी स्थानीय स्तर पर निगरानी कर रहे हैं और सागौन का ट्रक किस क्षेत्र से निकला, उसमें सागौन कहां से भरी गई है इसकी खोजबीन कर रहे हैं। पहले भी घटनाएं हुईं हैं और हमने राजस्थान से अपराधियों को पकड़ा भी है। जरूरत हुई तो ट्रक चालक को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।


पुनीत गोयल, डीएफओ, उत्तर वन मंडल बैतूल