गरीबों के झोपड़े तोड़े ईट भट्टे क्यों छोड़ें..दबा दिया गृहस्थी का सामान
बैतूल : हमलापुर डिपो किनारे गरीबों के झोपड़े अतिक्रमण हटाने के नाम पर तोड़कर उन्हें बेसहारा कर दिया गया। उचित जगह भी नहीं दी गई। उसी बीच कुछ पूर्व के अतिक्रमण अवैध खनन माफियाओं के ईंट भट्टो पर क्यों कार्रवाई नहीं हुई ? समझ से परे है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईंट भट्टों का अतिक्रमण गहरे खनन से बड़े-बड़े गड्ढो में तब्दील हो गया जहां पानी भरने से लोगों के साथ अनहोनी पानी में डुबने का खतरा इत्यादि रोकने के सुरक्षा संबंधीत कोई इंतजाम भी ईंट भट्टो पर नहीं है जबकि संवेदनशीलता से उक्त ईंट भट्टों को हटाने की कार्रवाई होनी चाहिए थी ताकि इससे लोगों की जान माल का खतरा ना हो और लगें की बड़े अतिक्रमणकारियों पर भी कार्रवाई प्रशासनिक अधिकारी करते हैं लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वही एमपीएगग्रो का बोर्ड लगा हुआ है जिसमें आधें अक्षरों को विभाग ने किस लिपी में और कया लिखवाया और क्यों ऐसा लिखवाया एमपीएगग्रो के अधिकारी जाने पर उन गरीबों को हटाने के पहले ना शासन की ओर से कोई नोटिस दिया गया ना ही विस्थापित करते हुए उन्हें कहीं और जगह उपलब्ध कराई बल्कि अतिक्रमण कर झोपड़ी में गुजारा चला रहे लोगों को बेघर कर दिया। इनमें से कुछ लोगों को हटाया गया जबकि शेष परिवारों के कच्चे घर झोपड़ियों को नहीं तोड़ा गया। ताबड़तोड़ कार्रवाई से ग्रसित परिवारों में आक्रोष है खाने पीने का सामान बहार नहीं निकालने दिया कार्रवाई के दौरान मलबे में दबा दिया गया। गरीबों को लगता हैं कि सरकार को गरीबों की चिंता नहीं है अगर होती तो खुलें आसमान में मासूम भुखे बच्चों के साथ ठंड से ठिठुरते रात नहीं काटनी पड़ती गरीबों के साथ अन्याय हुआ है कलेक्टर की जनसुनवाई में किया था अतिक्रमणकारियों ने आवेदन अधिकारियों ने आगामी मंगलवार को निराकरण करने दिया था आश्वासन किन्तु मंगलवार के पूर्व ही कार्रवाई करते हुए अतिक्रमणकारियों की झोपड़ियों को तोड़ दिया अतिक्रमणकारियों का आरोप अधिकारियों ने जनसुनवाई में भ्रमित किया !