जल जंगल एवं जमीन के संरक्षण का संदेश देने निकली ताप्ती दर्शन यात्रा केबिनेट मंत्री की उपस्थिति में एक हजार किलोमीटर पदयात्रा प्रारंभ
मुलताई। मां ताप्ती को प्रदूषण मुक्त करने,उसके तटों को स्वच्छ रखने एवं नदी के तीरे सघन वनों को संरक्षित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष निकलने वाली मां ताप्ती दर्शन पदयात्रा का बुधवार श्रीगणेश हुआ। पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने निकली यात्राा का शुभारंभ केबिनेट मंत्री सुखदेव पांसे की उपस्थिति की उपस्थिति में हुआ। पदयात्रा में पूरे क्षेत्र के सैकड़ों ताप्ती भक्त एक माह में एक हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी करेगें जिसका समापन 16 फरवरी को गुजरात के डूमस संगम स्थल पर होगा। बुधवार सुबह पवित्र नगरी का माहौल उस समय पूरी तरह धर्ममय नजर आया जब हजारों ताप्ती भक्तों की उपस्थिति में मां ताप्ती दर्शन पदयात्रा प्रारंभ हुई। इस दौरान पूरा नगर मां ताप्ती के जयकारों से गूंज रहा था। ताप्ती तट से पूजन उपरांत प्रदक्षिणा मार्ग से होती हुई यात्रा सूरजमृल स्मृति चौराहा पहुंची। पदयात्रा को पूरे नगर में जगह-जगह स्वागत सत्कार हुआ, कहीं पदयात्रियों पर पुष्पवर्षा की गई तो कहीं उन्हे पुष्पहार पहनाए गए। यात्रा का पहला पड़ाव मासोद रोड स्थित मरही माता मंदिर में हुआ इस दौरान पदयात्रियों को मरही माता मंदिर समिति द्वारा भोजन कराया गया जिसके बाद पदयात्रियों का ज्ञान मंदिर में स्वागत करते हुए समिति द्वारा चाय पिलाई गई। इसके बाद यात्रा आगे की ओर रवाना हुई जहां सांडिया में भव्य स्वागत हुआ एवं दोपहर को ताईखेड़ा में पदयात्रियों को भोजन कराया गया। भोजन उपरांत सैकड़ों पदयात्री भगवा ध्वजाएं लेकर मां ताप्ती के जयकारे लगाते हुए बोरगांव की ओर रवाना हुए। मुलताई सीमा से पदयात्रियों को केबिनेट मंत्री सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने विदाई दी।
मां ताप्ती को चढ़ाई जाएगी 501 चुनरियां
इस वर्ष पदयात्रियों द्वारा मां ताप्ती को डूमस गुजरात संगम स्थल पर 501 चुनरियां अर्पित की जाएगी। दर्शन यात्रा में पदयात्री चुनरी लेकर चल रहे थे। पदयात्रियों ने बताया कि एक ही रंग की 501 चुनरी पदयात्रा का आकर्षण है इसके लिए विशेष तौर पर चुनरियां बुलाई गई है।
मुस्लिम समाज ने किया यात्रा का भव्य स्वागत
मां ताप्ती दर्शन पदयात्रा का मुस्लिम समाज द्वारा भी सूरजमल स्मृति तिराहे पर भव्य स्वागत किया गया। शाह अलवी एसोसिएशन द्वारा पदयात्रियों पर पुष्पवर्षा कर फल वितरण किया गया। समिति शहीद शाह, आमिन शाह, हसन शाह, महबूब शाह सहित अन्य सदस्यों ने बताया कि वे प्रतिवर्ष मां ताप्ती दर्शन यात्रा का समिति द्वारा स्वागत किया जाता है। उन्होने बताया कि नदी को स्वच्छ रखने सहित मां ताप्ती की महिमा जन-जन तक पहुंचाने की यह सार्थक पहल है जिसका सभी स्वागत करते हैं।
धार्मिकता के साथ पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश
विगत 14 वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी डीएस राय, केके पांडे, जितेन्द्र कपूर तथा राजू पाटनकर सहित वरिष्ठ लोगों द्वारा मां ताप्ती की महिमा को जन-जन तक पहुंचाने के साथ ही ताप्ती के जल एवं तटों को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से पदयात्रा प्रारंभ की गई थी। 14 वर्ष में दर्शन यात्रा का स्वरूप विशाल हो गया है जिसमें बैतूल जिले सहित महाराष्ट्र एवं गुजरात प्रदेश के लोग भी जुड़े हैं। पदयात्रियों द्वारा जहां एक हजार किलोमीटर की पदयात्रा के दौरान ताप्ती जल को प्रदूषण मुक्त करने घाटों को स्वच्छ रखने के साथ ही ताप्ती तटों के आसपास के वनों को बचाने की भी गुहार लगाई जाती है जिससे लोगों में जल जंगल एवं जमीन के संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ी है।
एक माह में 1000 किमी की होगी पदयात्रा
पवित्र नगरी से निकली मां ताप्ती दर्शन यात्रा गुजरात के डूमस तक पूरे एक हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी करेगी। बैतूल जिले सहित महाराष्ट्र एवं गुजरात तक के सफर में 80 पड़ाव होगें। इस दौरान ताप्ती तट पर स्थित गांवों में यात्रा का जगह-जगह भव्य स्वागत किया जाएगा। पदयात्रा में ग्रामीण अंचलों से भी बड़ी संख्या में लोग शामिल होगें जिससे काफिला लगातार बढ़ता जाएगा। पदयात्रियों के लिए गांवों में भोजन सहित ठहरने की भी माकूल व्यवस्थाएं की गई है।
14 वर्षों से सतत यात्रा में शामिल हो रहे दो ताप्ती भक्त
मां ताप्ती दर्शन यात्रा के प्रारंभ से ही दो ताप्ती भक्त हर वर्ष पदयात्रा में शामिल हो रहे हैं। रोंढा बैतूल निवासी सुभाष कालभोर एवं बैतूल निवासी काले शर्मा ने बताया कि मां ताप्ती की महिमा को जन-जन तक पहुंचाने तथा पर्यावरण को बचाने का संदेश देने के लिए यह सराहनीय आयोजन है। भक्तद्वय ने बताया कि वे आजीवन इस यात्रा में शामिल होते रहेगें तथा जन-जन को मां ताप्ती को प्रदूषण से बचाने के लिए प्रेरित करेगें यही मां ताप्ती के प्रति सच्ची श्रद्धा एवं आस्था है।