खेल मैदान को तरस रहे ग्रामीण अंचल के स्कूली विद्यार्थी*
मूलभूत सुविधाओं के अभाव में कैसे होगा व्यक्तित्व का विकास, खेल प्रतिभाओं को कैसे किया जायेगा उजागर
मनेश साहू रिपोटर
खैरवानी/हनोतिया ----- समूची जुन्नारदेव विधानसभा में ग्रामीण खिलाडि़यों के लिए खेल सुविधाओं का विस्तार करने के लिए लाखों रूपये शासन प्रषासन द्वारा दिये जाते है किन्तु इन पैसों का सदुपयोग होने की बात तब धरी की धरी रह जाती है तब विधानसभा के कई स्कूलों में खेल मैदान का न होना सामने आता है। समूचे विधानसभा में कई स्कूल ऐसे है जहां पर स्कूली बच्चों के लिए खेल मैदान की सुविधा उपलब्ध ही नहीं है और कई स्कूलों में खेल मैदान है भी तो उसमें गड्डों और कूड़ा करकट का अंबार सा लगा हुआ है। *विकासखंड अन्तर्गत ग्राम पंचायत खैरवानी के प्राथमिक एवं मीडिल स्कूल का यही हाल है* जहां पर खेल मैदान के नाम पर लंबी चौडी भूमि तो है किन्तु इसे खेल मैदान का नाम दिया जाना बच्चों के साथ नाफरमानी होगी। इस भूमि में न तो खेलने की कोई सुविधा है और न ही बच्चे यहां पर खेल गतिविधियों संचालित कर सकते है यदि कोई खेल बच्चे खेलते भी है तो वह है गिल्ली डंडा जिससे बच्चों का अन्य राष्ट्रीय खेलों के प्रति क्या रूझान होगा यह समझा जा सकता है। इस ग्राम की ओर न तो पंचायत का कोई ध्यान है और न ही जनप्रतिनिधि और शासन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान दे रहे है ऐसे में बच्चों के खेल गतिविधयों के प्रति अब भगवान ही मालिक है। इस क्षेत्र के स्कूल के पास से ही बरसाती नाला गया हुआ है जो बच्चों के लिए लगातार खतरा बना हुआ है जहां पर बच्चे दहशत की साये में ही खेल गतिविधियां संपादित करते है। वहीं हल्की बारिष में ही यहां का खेल मैदान कीचड़ और दलदल में तब्दील हो जाता है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के पालकों ने कई बार स्कूल प्रबंधन सहित पंचायत एवं जनप्रतिनिधियों से खेल मैदान का जीर्णोद्धार करने संबंधी मांग की है किन्तु इस ओर किसी का भी ध्यान न होने से अब विद्यार्थियों का खेल में सुनहरा भविष्य होने की संभावनाएं कम ही दिखाई दे रही है। अब ग्रामीण अंचलों के स्कूलों में खेल मैदान के अभाव में बच्चों का खेल संबंधी भविष्य अंधकार में जा रहा है