पुलिस अधिकारीयो ने विद्यार्थियों को बताए सड़क सुरक्षा नियम,

पुलिस अधिकारीयो ने विद्यार्थियों को बताए सड़क सुरक्षा नियम,
हेलमेट एवं सीट बेल्ट दुर्घटना में बढ़ाता है जीवन की संभा


मुलताई – सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत एसडीओपी नम्रता सोंधिया , थाना प्रभारी मनोज सिंह ने न्यू कार्मेल कान्वेंट स्कूल के विद्यार्थियों से रूबरू होकर यातायात नियमों से अवगत कराया। पुलिस अधिकारियों ने प्रदेश एवं नेशनल लेवल पर मुलताई का प्रतिनिधि करने वाले विद्यार्थियों का सम्मान किया एवं वाहन से स्कूल आने वाले 6 विद्यार्थियों को निशुल्क हेलमेट वितरण किया।


एसडीओपी नम्रता सोंधिया ने विद्यार्थियों को बताया कि दुर्घटना में यदि कोई घायल होता है या उसकी मृत्यु हो जाती है ,तो इसका प्रभाव संपूर्ण परिवार पर पड़ता है । दुर्घटना में मृत्यु होने वालों का आश्रित परिवार पूरी तरह बिखर जाता है न्यू कार्मेल के छात्र छात्राओं ने पुलिस अधिकारियों से सड़क सुरक्षा संबंध में अपने विचार साझा किए
। एसडीओ पुलिस में विद्यार्थियों को बताया कि दुर्घटना में घायल होने पर इलाज करवाने के चलते आर्थिक रूप से परिवार टूट जाता है, वहीं सारे काम काज छोड़कर हॉस्पिटल में समय देना पड़ता है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि पुलिस विभाग धेय्य देश भक्ति एवं जन सेवा है। जनसेवा के अंतर्गत लोगों को सुरक्षा देना एवं उन्हें सुरक्षित रखना दोनों पुलिस विभाग का कर्तव्य है। चालानी कार्यवाही हो या अन्य कार्यवाही पुलिस व्यक्ति विशेष को सुरक्षित रखने सहित समाज में शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए काम करती है। इस दौरान स्कूल की छात्रा दृष्टि करमाकर ने उनसे इस पद तक पहुंचने हेतु मार्गदर्शन देने की बात कही एसडीओपी न सोंधिया ने कहा कि वह अलग से समय निकालकर स्कूल पहुंचकर विद्यार्थियों को यूपीएससी एवं पीएससी के विषय में विस्तार से बताऐगी।
जीवन भर करना चाहिए यातायात नियमों �
[16/01, 18:51] Aslam Ahamad Patrakar Multai: पालन
कार्यशाला में उपस्थित मुलताई थाना प्रभारी मनोज सिंह ने उपस्थित विद्यार्थियों को हेलमेट पहनकर दो पहिया वाहन चलाने एवं चार पहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट लगाने की बात कही। उन्होंने कहा कि शरीर का सबसे नाजुक एवं प्रमुख अंग कंधे से ऊपर के हिस्से को माना जाता है। यदि वाहन चलाते समय हेलमेट नहीं पहनते हैं तो निश्चित तौर पर सिर पर चोट आएगी एवं व्यक्ति के बचने की उम्मीद बहुत कम रह जाएगी। इसी तरह सीट बेल्ट न लगाने पर एयरबैग नहीं खुलते हैं साथ ही गति के नियमानुसार व्यक्ति तेज गति से आगे की और डैशबोर्ड या वाहन के आगे लगे काँच से जा टकराता है। दोनों ही स्थितियों में गंभीर चोट लगने की संभावना बनी रहती है। इसलिए सीट बेल्ट लगाकर ही वाहन चलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वाहन चलाते समय व्यक्ति के पास लाइसेंस, वाहन के कागज एवं बीमा के कागज होना आवश्यक होता है। कार्यशाला में विद्यार्थी एवं पुलिस अधिकारियों के बीच सीधे संवाद हुए।
लाइसेंस बनाने के बाद ही वाहन चलाए विद्यार्थी
आयोजन के समापन के दौरान सभी का आभार मानते हुए शाला संचालक अनीष नायर ने कहा कि 18 वर्ष पूर्ण होने तथा लाइसेंस बनाने के पश्चात ही वाहनों का प्रयोग करना चाहिए। यदि अवयस्क द्वारा वाहन चलाते समय कोई घटना-दुर्घटना हो जाती है तो इसका खामियाजा उनके पालकों को उठाना पड़ता है। कार्यक्रम में शाला के 200 से अधिक विद्यार्थी सहित शाला प्राचार्य विनीता नायर, संस्था अध्यक्ष संचना जैन, शिक्षक अमित पवार, केतन रबड़घरे, तनवीर सिंह सोलंकी, शिक्षिका आशा चिकाने,नेहा शर्मा, प्रीति भावसार, मयूरी अग्रवाल, मीना सूर्यवंशी आदि