सावित्रीबाई फुले ने जीवन को एक मिशन की तरह जिया सरस्वती विद्या मंदिर ग्रीन सिटी में सावित्रीबाई फुले जयंती मनाई

सावित्रीबाई फुले ने जीवन को एक मिशन की तरह जिया
सरस्वती विद्या मंदिर ग्रीन सिटी में सावित्रीबाई फुले जयंती मनाई


बैतूल की आवाज
बैतूल। श्रीमती वैजयंती सोमन सरस्वती विद्या मंदिर ग्रीन सिटी में शुक्रवार प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले जयंती मनाई गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि शिक्षिका श्रीमती शांता ओमकार, विशेष अतिथि शासकीय प्राथमिक शाला विवेकानंद वार्ड ग्रीन सिटी की शिक्षिका श्रीमती रीता सातनकर उपस्थित रहीं। इस अवसर पर बालिका शिक्षा प्रमुख दीदी एवं छात्राओं ने सावित्रीबाई फुले के जीवन चित्रण का वर्णन किया। सावित्री नामक पत्रिका के माध्यम से उन्होंने बताया कि शिक्षिका सावित्रीबाई फुले भारत की प्रथम महिला शिक्षिका होने के साथ ही समाज सुधारिका एवं मराठी कवियत्री थी। उन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए। 1852 में उन्होंने बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की। उन्होंने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जिया, जिसका उद्देश्य था विधवा विवाह करवाना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं को मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना था। कार्यक्रम में शिक्षिका श्रीमती रीता सातनकर को उल्लेखनीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती ममता शर्मा प्रधानाचार्य द्वारा की गई।