उच्चाधिकारियों की मिलीभगत से हो रही है सागौन की तस्करी? 

उच्चाधिकारियों की मिलीभगत से हो रही है सागौन की तस्करी? 
अधिकारी मस्त बीट गार्ड पस्त, सागौन तस्करी में बीट गार्ड निलंबित


बैतूल की आवाज ꫰आर डी पाटिल ꫰
बैतूल दक्षिण वन मंडल की चिचोली रेंज इन दिनों वनमाफिया के निशाने पर है। अवैध कटाई कर तस्करी किए जाने के मामले सामने आते है। इसके बावजूद महकमे के आला अधिकारी कुम्भकर्णी नींद में सोते रहे हैं। हाल ही में अवैध सागौन से भरे ट्रक को केसला पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर पूछताछ में खुलासा हुआ है कि विगत कई वर्षो से सागौन की अवैध कटाई कर तस्करी की जा रही है। पूछताछ के दौरान सामने आया है कि बैतूल जिले का पश्चिम वन मंडल की चिचोली रेंज सागौन तस्करों के निशाने पर है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चिचोली रेंज की कनारी बीट से 47 से अधिक सागौन के पेड़ो को काटकर ले जाया गया है। तस्करों द्वारा पकड़े जाने से पूर्व तीन ट्रक सागौन ले गए। चौथा ट्रक केसला पुलिस के हत्थे चढ़ गया। बैतूल जिले का पश्चिम वन मंडल पिछले कुछ वर्षो से वन माफियाओं के लिये आसान निशाना बन रहा है। इधर पश्चिम वन मंडल में पदस्थ वन मंडल अधिकारी श्री चांडीवाल का कहना है कि चिचोली रेंज के कनारी बीट से 47 सागौन के पेड़ो की अवैध रूप से कटाई की गई है। इस मामले में कनारी बीट गार्ड को निलंबित किया गया है, जबकि परिक्षेत्र सहायक को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। श्री चांडीवाल ने पिछले कई दिनों से तस्करी होने के सवाल पर उन्हें जानकारी नहीं होने की बात कही है। साथ ही पकड़े गए चालक एवं क्लीनर को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। श्री चांडीवाल ने बताया कि आरोपियों को रिमांड पर लिये जाने के लिये इटारसी कोर्ट में आवेदन लगाया गया है। रिमांड पर लिये जाने पर ही आरोपियो से पूछताछ की जाएगी। जिससे बैतूल जिले के किन-किन वन क्षेत्रों में सागौन के पेड़ो की अवैध कटाई कर तस्करी की गई है सामने आयेगा। साथ ही इस पूरे प्रकरण में  किन-किन स्थानीय लोगों को संलिप्त है यह भी उजागर होगा। गौरतलब है कि विगत वर्ष भी मोहदा के समीप वन क्षेत्र से अवैध रूप से सागौन की तस्करी कर रहे ट्रक को जब वन विभाग के अमले ने घेराबंदी की तो तस्करों ने लकड़ी सहित ट्रक को आग के हवाले कर दिया था। बाद में इस पूरे प्रकरण को सामने नहीं आने दिया गया। इस पूरे मामले में वन मंडल के अधिकारियों पर मिलीभगत से आरोप लग रहे। इतने बड़े पैमाने पर वन क्षेत्र से अवैध कटाई होने के बावजूद छोटे वनकर्मियों को बली का बकरा बना दिया जाता रहा है और अधिकारी अपनी गर्दन बचाते रहे है, जबकि वन परिक्षेत्र में 16 हजार रूपयों से अधिक का नुकसान होने पर परिक्षेत्र अधिकारी की जिम्मेदारी तय कर तत्काल निलंबित किये जाने का नियम बना हुआ है। इसी तरह 50 हजार से अधिक की नुकसानी की जिम्मेदारी वन मंडल अधिकारी की तय की जाकर निलंबन किये जाने का प्रावधान है। इसके बावजूद आज तक उच्चाधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाकर उन्हें दण्डित नहीं किया गया। यही वजह है कि बैतूल जिले के वन क्षेत्रों में सागौन की अवैध कटाई बड़े पैमाने पर की जाकर वन क्षेत्र को समाप्त किया जा रहा है। वन अधिनियम के अनुसार 47 पेड़ो की अवैध कटाई के लिये प्रकरण में डिप्टी रेंजर, रेंजर एवं एसडीओ सहित वन मंडलाधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही कर निलंबित किया जाना चाहिए। किंतु बीट गार्ड को बली का बकरा बनाना समझ से परे है।