वनवृत बैतूल में अपनी जागीर समझ बैठे कुछ अधिकारी कर्मचारी

वनवृत बैतूल में अपनी जागीर समझ बैठे कुछ अधिकारी कर्मचारी
मामला दक्षिण वनमंडल में हुए भारी भ्रष्टाचार का
बैतूल। बैतूल वनसरंक्षक पद से हाल ही में सेवानिवृत्त हुए चंपावत ने विरेन्द्र सिंह ठाकुर एवं देवेन्द्र परिहार को ताप्ती परिक्षेत्र विरासत में सौंप गए है। दोनों कर्मचारी ताप्ती परिक्षेत्र को अपने इसारों पर चला रह है। परिक्षेत्र अधिकारी को नाम मात्र के है यह आरोप हम नहीं लगा रहे है बल्कि ताप्ती परिक्षेत्र कार्यालय में कम्प्यूटर के पद पर रहे अर्जुन सावे ने लगाए है। उन्होंने अपने शपथ पत्र में इन दोनों कर्मचारियों के द्वारा भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप लगाया है साथ ही इन कर्मचारियों के मनमुताबिक कार्य नहीं किये जाने पर उन्हें प्रताडित किए जाने का भी आरोप लगाया है। प्रताड़ित युवक अर्जुन सावे ने अपने शपथ पत्र में बताया कि आरोपी दोनो कर्मचारी स्थानांतरण होने आपसी में अपनी सर्किल बदल लेते है। जिससे उनके द्वारा किए गए गबन एवं भ्रष्टाचार के मामले सामने आ चुके है। आरोप लगाने वाले अर्जुन सावे ने आरोप लगाए की महुंपानी सर्किल के प्रभारी महुंपानी के समीप बहने वाले नदी से अवैध रेत निकासी के कारोबार में संलग्न है। रेत माफियों से साठ-गाठ कर बड़े पैमाने पर रेत का अवैध उत्खनन कराया जा रहा है। इसी तरह सेहरा सर्किल के अधिकारी के अलावा सापना रोपडी का प्रभारी भी देख रहे, उच्चाधिकारियों की मिलीभगत इसमें साफ दिखाई देती है। वनपाल को सर्किल का प्रभारी बनाया जाना अधिकारियों से इनकी साठ-गाठ को उजागर करता है। जबकि कितने ही ऐसे डिप्टी रेंजर सर्किल के बगैर कार्य कर रहे है। उनके होते हुए वनपाल को सर्किल का प्रभारी दिया जाना उच्चाधिकारियों की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े करता है।