इंदौर का खदान मामला : ईआेडब्ल्यू ने शुरू की जांच,हाईकोर्ट का फैसला: सीएस को पेश करना होगी रिपोर्ट

मप्र / 50 एकड़ खदान के आवंटन की जांच में घिरे पीएस-डायरेक्टर


इंदौर का खदान मामला : ईआेडब्ल्यू ने शुरू की जांच,हाईकोर्ट का फैसला: सीएस को पेश करना होगी रिपोर्ट


भोपाल ./बैतूल  ꫰खनिज विभाग के प्रमुख सचिव, संचालक और स्थानीय अफसर इंदौर की 20 हेक्टेयर(50 एकड़) खदान के आवंटन मामले में जांच के घेरे में आ गए हैं। हाईकोर्ट के फैसले पर मुख्य सचिव और ईओडब्ल्यू को छह साल पुरानी आवंटित खदान के आवेदनों से लेकर आवंटन की प्रक्रिया की जांच कराना होगी। ईओडब्ल्यू ने जांच से जुड़े दस्तावेज तलब किए हैं। इंदौर की देपालपुर तहसील के गांव रंगवासा की पत्थर-गिट्‌टी खदान के मामले में जस्टिस सतीशचंद्र शर्मा और जस्टिस वीरेंदर सिंह की डिवीजन बेंच का फैसला है। हाईकोर्ट ने खदान आवंटन के लिए नीलामी नए सिरे से करने के निर्देश दिए है।


खनिज अफसरों पर केस भी दर्ज हो सकता है :खनिज विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई तीन आदेश की वजह से मुश्किल में है। खदान आवंटन में खनिज संचालक विनीत कुमार आइंस्टीन, इंदौर के जिला खनिज अधिकार प्रदीप खन्ना और उप संचालक अनूप मिश्रा की भूमिका की जांच होगी। मंडलोई के अलावा सभी अफसर 5 साल से ज्यादा समय से एक जगह पर पदस्थ हैं। हाईकोर्ट ने सीआईडी जांच (पहले हो चुकी) के आधार पर खनिज विभाग के दोषियों पर केस दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। ईओडब्ल्यू की जांच में स्थिति साफ होगी।


यह है मामला : रंगवासा की खदान का काम पृथ्वी अर्थ मूवर्स को 23 मार्च 2013 को मिला था। इस आवंटन के खिलाफ सुरेश मोहनानी ने याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई के लिए खनिज विभाग संचालक को निराकरण के निर्देश दिए थे। खनिज विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने सुनवाई के दौरान गलत तरीके से आवंटन वाली अपील को अमान्य कर दिया था। इसे निरस्त करने के बाद दूसरे आदेश में स्वीकार कर लिया। अपने तीसरे फैसले में अपील मंजूर कर ली, जिससे आवंटन निरस्त हो गया था। इसके खिलाफ पृथ्वी इंफ्रस्ट्रक्चर ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इसके बाद फैसला आया है।