पंचायतों में मनमाने रेट पर रेत, गिट्टी जैसे गौंण खनिज की खरीदी ही वैध नही!

पंचायतों में मनमाने रेट पर रेत, गिट्टी जैसे गौंण खनिज की खरीदी ही वैध नही!
- आरईएस और जनपदों से जिला पंचायत ने मांगा जांच प्रतिवेदन


बैतूल की आवाज / आर.डी पाटिल । पंचायतों में मनमानी खरीदी से जिला पंचायत सीईओ भी बखूबी परिचित है। विशेषकर निर्माण कार्य में उपयोग होने वाले गौण खनिज के खेल को वे अच्छी तरह समझ गए हैं । इसलिए वे आर ई एस सहित सभी जनपद से गौण खनिज खरीदी में स्पष्ट अभिमत सहित प्रतिवेदन मांग रहे। चूंकि यह खेल इतना बड़ा और खुली मनमानी का है कि यदि इसमें सही प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया गया तो सरपंच सचिव, सहित जनपद के सीईओ तक उलझ जाएंगे। इसलिए जिला पंचायत सीईओ के बार-बार कहने के बाद भी जांच प्रतिवेदन जिला पंचायत को नहीं भेजा जा रहा।अब जो आदेश जिला पंचायत से हुआ है उसमे साफ तौर पर चेतावनी दी गई है कि एक सप्ताह में प्रतिवेदन प्रस्तुत करें नहीं तो आगे किसी भी कार्रवाई के लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे। अब देखना यह है कि जिला पंचायत सीईओ के आदेश का कितना असर होता है। वैसे कहा जा रहा कि यह मामला भी 2008 के तार पोल फेंसिंग की तरह ही पंचायतों के लिए आफत लेकर आ रहा है।


- यह लिखा है जिला पंचायत सीईओ के आदेश में...
जिला पंचायत सीईओ की ओर से जारी आदेश में साफ तौर लिखा गया है कि आर ई एस और पंचायतों ने नियम अनुसार रेत-गिट्टी-मुरम आदि के लिए तहसीलदार से अनुमति लेकर खनिज विभाग से रायल्टी नहीं ली। इससे पंचायतों को निःशुल्क खनिज प्राप्त होता है। इसकी जगह पंचायतों ने मनमाने रेट पर खनिज खरीदा। इस सन्दर्भ में तथ्यात्मक जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को पूर्व में भी लिखा गया, लेकिन प्रस्तुत नहीं किया गया। यदि अब एक सप्ताह में यह प्रतिवेदन प्रस्तुत करें अन्यथा स्वयं उत्तरदायी होंगे।


-अब यह उठ रहे सवाल...
1. जिस तरह का प्रतिवेदन जिला पंचायत सीईओ ने मांगा उससे यह तो साफ हो गया कि पंचायतो में जो रेत, गिट्टी सप्लाई के बिल लगे है और उन पर जो भुगतान किया गया क्या वह अवैध है?
2.क्या कारण है कि जिला पंचायत से बार-बार प्रतिवेदन मांगने के बाद भी क्यों जनपद और आर ई एस प्रतिवेदन नहीं दे रही, क्या ऐसे में इन पर अब कोई ठोस कार्रवाई होगी?
3. रेत, गिट्टी जैसी सप्लाई से जो शासन को राजस्व की हानि हुई उसमें क्या रिकवरी की कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी?
4. रेत गिट्टी सप्लाई में जो टीडीएस नहीं काटा गया, जीएसटी नही काटा गया क्या ऐसे बिल वाली फर्म या पंचायत की भी कोई जांच और कार्रवाई होगी?