प्रबंधन के प्लाटों की रजिस्ट्री...करवा रहे!कॉलोनाइजर

. प्रबंधन के प्लाटों की रजिस्ट्री...करवा रहे!कॉलोनाइजर


- संपत्ति पंजीयन में प्रबंधन के प्लाटों की रजिस्ट्री को जायज ठहराने पर उतारू है जिला पंजीयक भी


बैतूल । शहर में अवैध कॉलोनाइजर के लिए खुशखबरी है कि संपत्ति पंजीयन में उनके बंधक प्लाटों की रजिस्ट्री हो रही है और आगे भी होगी, किसी तरह की कोई रोक-टोक नहीं है। बंधक प्लाटों की रजिस्ट्री को नियम अनुसार ही करार दिया जा रहा है। यह कहने वाले कोई और नहीं बल्कि जिला पंजीयक हैं। उप पंजीयक सतीश धुर्वें के बाद जिला पंजीयक भी बंधक प्लाटों की रजिस्ट्री को जायज बता चुके है। अब ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि प्लाट का बंधक होने का मतलब यह है कि वे शासन की संपत्ति है और उसे बेचने का अधिकार केवल शासन को है। बिना शासन की सहमति के इन प्लाटों की बिक्री होना और रजिस्ट्री किया जाना दोनों ही अपराध की श्रेणी में आता है।


- एसडीएम को सूचना देने की जगह कर दी रजिस्ट्री...
गौठान क्षेत्र में खसरा नं. 108/5 प्रबंधन में चल रहा था, इसकी रजिस्ट्री प्रकाश नामक व्यक्ति को कर दी गई, जबकि कायदे से यह बिक्री ही नहीं होना चाहिए थी, यदि कोई इस तरह प्रबंधन वाले प्लाट की रजिस्ट्री कराने आता है तो कायदे से एसडीएम को इस बात की सूचना दी जाना चाहिए थी कि प्रबंधन का प्लाट बेचने की कोशिश हो रही है। क्योंकि प्रबंधन में प्लाट आने के बाद वह शासन की संपत्ति माना जाता है।


- प्लाट बेचकर ही शासन करा सकता है डेवलपमेंट...
यदि कोई कॉलोनी या प्लाटिंग का काम होता है और वहां 40 फीसदी से ज्यादा हिस्सा बेचा जा चुका है और वहां विकास कार्य नहीं कराए गए तो ऐसी स्थिति में पार्क, सड़क और नाली की जमीन छोड़कर शासन 60 फीसदी जमीन में से विकास कार्य के लिए कुछ हिस्सा अपने प्रबंधन में ले लेता है। इस हिस्से को बेचकर शासन उक्त कॉलोनी में जन सुविधा के काम कराता है। इस तरह से उक्त प्लाट शासन की संपत्ति कहलाते है। 


- बाद में लोग होते है परेशान, नहीं बनती बही...
प्रबंधन में प्लाटों की रजिस्ट्री करवाने के बाद उसकी बही भी नहीं बनती, कारण यह है कि इस तरह की रजिस्ट्री का प्रभाव शून्य होता है। ऐसी स्थिति में जो लोग ऐसे प्लाट खरीद लेते है वह नामांतरण और बही बनवाने के लिए हैरान-परेशान होते है। बिना नामांतरण और बही के उन्हें बैंक से मकान बनाने के लिए लोन भी नहीं मिल सकता। इसके बावजूद संपत्ति पंजीयन में खुले तौर पर प्रबंधन के प्लाटों की रजिस्ट्री किया जाना बड़े सवालों को जन्म दे रहा है। 


- इनका कहना ...
प्रबंधन के प्लाटों की रजिस्ट्री की जा सकती है उसमें कोई रोक या दिक्कत नहीं है। रजिस्ट्री के लिए संपत्ति पंजीयन अधिनियम में लिखा हुआ है। 
         दिनेश कौसले, जिला पंजीयक बैतूल


बैतूल एसडीएम रहते समय इस तरह की रजिस्ट्री का प्रभाव शून्य होने के आदेश जारी किए थे, प्रबंधन के प्लाट एक तरह से प्रशासन की मिल्कियत होती है। 
संजीव श्रीवास्तव, आईएएस, भोपाल